21 मई 2019, भागलपुर। मंगलवार को राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 1 के द्वारा मारवाड़ी महाविद्यालय में आतंकवाद रोधी दिवस मनाया गया। उपयुक्त दिवस पर एनएसएस के स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाओं ने निबंध प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता में भाग लिए।
एनएसएस ने “आतंकवाद :- कारण एवं निवारण” विषय पर निबंध का आयोजन किया। इसमें भाग लेने वाले सर्वश्रेष्ठ 3 निबंध को एनएसएस के अगले कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
आतंकवाद के कारण जैसे बेरोजगारी, अशिक्षा, राजनीतिक स्वार्थ, आदि पर विचार
वही भाषण प्रतियोगिता आतंकवाद विरोधी दिवस पर आयोजित हुआ जिसमें प्रमुख छात्र-छात्राएं वाफिया सुल्ताना, मुस्कान खातून, गौरव कुमार, मुआज खालिद, आदि ने भाग लिया, वाफिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता साथ ही अन्य छात्र छात्राओं ने आतंकवाद के कारण जैसे बेरोजगारी, अशिक्षा, राजनीतिक स्वार्थ, आदि पर विचार व्यक्त किए।
भाषण प्रतियोगिता में विभिन्न शिक्षक भी भाग लिए एवं अपने विचार व्यक्त किए । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अखिलेश श्रीवास्तव ने कहा कि आतंकवाद एक बुराई के रूप में उभर रहा है और यह मानवता के लिए खतरा है। वही विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वय डॉ दीपो महतो ने कहा कि आतंकवाद के बढ़ने का मूल कारण वैज्ञानिक सोच के विकास का नहीं होना है। अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अनिल कुमार तिवारी ने दुनिया में आतंकवाद से लड़ने के लिए बढ़ते बजट की चर्चा की और कहा कि आतंकवाद को मिलने वाले आर्थिक सहायता को बंद करना चाहिए।
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आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता तो मारे जाने के बाद धार्मिक क्रिया कांड से क्यों
हिंदी के प्रोफेसर ब्रजभूषण तिवारी ने आतंकवाद को धर्म से जोड़ने की बात की उन्होंने कहा कि जब आतंकवादी मारे जाते हैं, तो उन्हें दफनाया या जलाया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता तो आतंकी के मारे जाने के बाद उसे धार्मिक क्रिया कांड से क्यों जोड़ा जाता है? सभा में प्रोफेसर वेद व्यास मुनि प्रोफेसर, डॉ स्वास्तिका दास डॉ अमित कुमार, डॉ विश्वनाथ सिंह, प्रोफेसर प्रवीण कुमार सिंहा, प्रोफेसर अजय कुमार सिंह, आदि कई विद्वान प्रोफेसर उपस्थित रहे।
सभा में एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी आशीष कुमार मिश्र ने कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे को अभी तक परिभाषित नहीं किया जा सका है, और आए दिन विभिन्न शक्तिशाली देश इसे अपना राजनीतिक हथियार बनाते हैं। धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर स्वास्तिका दास ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में एन एस एस राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अमित कुमार, रोशन कुमार, युवराज कुमार, सूरज कुमार, मुआज खालिद, अलीशा शमशाद, शुभम कुमार, काजल कुमारी, अभिषेक कुमार, मुस्कान खातून, आदि 50 से भी अधिक बच्चों ने अपना योगदान दिया।