पटना। पटना हाईकोर्ट ने पहली बार 24 हफ्ते की गर्भवती रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। इससे पहले देश के किसी भी हाईकोर्ट ने ऐसा फैसला नहीं दिया था। दरअसल ,हाईकोर्ट ने बिहार के सारण जिले की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात करवाने की अनुमति दे दी है। इस वक्त वह 24 हफ्ते के गर्भ से है। इस तरह का आदेश देते हुए कोर्ट ने एम्स के डायरेक्टर एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित करते हुए पीड़िता को सभी चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने का आदेश दिया है।
जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सुनाया फैसला
आपको बताते चलें कि हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इस तरह का फैसला सुनाए जाने के बाद हाईकोर्ट में यह फैसला चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि आज तक किसी भी हाईकोर्ट के द्वारा इस तरह का फैसला नहीं सुनाया गया था। कुछ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जरूर गर्भवती को गर्भपात कराने की अनुमति दी गई थी।
रेप के बाद गर्भवती हो गई थी पीड़िता
मामला बिहार के सारण जिले का है जहां की रहने वाली 17 वर्षीय नाबालिग लड़की अपने घर में थी और उसकी मां किसी काम से बाहर गई थी तभी उसके घर में घुसकर दरिंदों के द्वारा दुष्कर्म किया गया। इस बात की जानकारी नजदीकी थाने को दी गई और सभी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया। मामला दर्ज होने के बाद अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल में भेज दिया गया है लेकिन लड़की गर्भवती हो गई और गर्भपात कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया जिसे मंजूर कर लिया गया।
कोर्ट ने सरकार से पीड़ित लड़की के पुनर्वास के लिए मदद के भी दिए निर्देश
फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने संविधान के अनच्छेद 20 का जिक्र करते हुए यह कहा कि समाज में हर व्यक्ति को सम्मान पूर्वक जीने का हक है। कोर्ट ने सरकार से पीड़ित लड़की के पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाने को भी कहा है। साथ ही कम से कम तीन लाख की क्षति पूर्ति लड़की के अभिभावक को देने व लड़की के हेल्थ चेकअप की जिम्मेवारी प्रधान सचिव को सौंपी गई है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस दिनेश सिंह ने बिहार लीगल सेल प्राधिकार को उचित कदम उठाने के लिए कहा-यदि लड़की प्राधिकार से जुड़ कर अपना जीविकोपार्जन करना चाहती है। तो उसके लिए भी मदद करनी होगी।