पिता का साया सर पर छत की तरह होता है लेकिन जब वो नहीं होता है तो इंसान अक्सर बिखर जाता है। किशोर अवस्था से ही पिता के काम मे हाथ बाँटने वाले पवन के साथ एक दुखद हादसा तब हुआ जब अचानक उनके पिता सुशील कुमार ने उनका साथ छोड़ दिया और परिवार की पूरी जिम्मदारी उनपर आ गयी। ऐसे मुश्किल वक्त पर पवन ने अपना हौसला नही खोया, कहते हैं असली सोना तपकर ही निखरता है। पिता के अधूरे काम को पूरा करने का एक बीड़ा उन्होंने लिया। अपनी पढ़ाई को अधूरा छोड़कर उनके कार्यो को पूरा करने में जुट गये। राहे बहुत मुश्किल थी और हर कदम पर लोगों ने पीछे धकेला। लेकिन पवन अपने हौसले को कभी नीचे नहीं आने दिया। रियल एस्टेट का काम बेहद जटिलता से भरा होता है। अनुभव की कमी से रोज नयी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। ये वक्त था जब पवन ने कागजी डिग्री के बदले जमीनी हकीकत को सिखा और हर उस इंसान जिसने उन्हे कुछ सिखाया उसको अपना गुरु माना। उनसे रियल एस्टेट की विद्या को बारीकी से समझा। आज पवन सिंह रियल एस्टेट के बेताज बादशाह माने जाते हैं। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर पवन ने एक नया मुकाम हसिल किया, जिससे अाज के युवा को सिख ने की जरुरत है।
Related Posts
हाजीपुर की सरिता राय की जीवंतता की गाथा जिसने अपना जीवन समर्पित कर दिया है, असहाय लाचार बचपन को बचाने के लिए,क्यों खास है, सरिता राय
हाजीपुर\ बिहार :- अंग्रेजी में एमए की डिग्री और साथ में वकालत की पढ़ाई। फॉरेस्टऑफिसर की बेटी और एक वकील…
नारी सशक्तिकरण की मिसाल है ममता मलहोत्रा
ममता जी की जुबानी उनकी सफलता की कहानी लखनऊ में जन्म हुआ परवरिश व शिक्षा- दीक्षा भी लखनऊ में ही हुई.…
जानिए कहानी दशरथ मांझी की , क्यों कहा जाता था उन्हें पहाड़ से ऊंचा आदमी
स्वर्ग से धरती पर गंगा लाने वाले तपस्वी राजा भगीरथ को कौन नहीं जानता। उनके प्रयासों के कारण ही भारत…