बेरमो (बोकारो)। डीवीसी मुख्यालय कोलकाता के द्वारा बोकारो थर्मल वासियों को दुर्गापूजा के बोनस के रुप में 630 मेगावाट की क्षमता वाले बी प्लांट की दो यूनिटों को बंद कर बतौर उपहार दिया गया है। विगत् 80 दिनों से बंद पड़े बी पावर प्लांट को फिर से चालू करने की कवायद इस निर्णय के बाद समाप्त हो गयी है। पावर प्लांट की दो यूनिट सहित डीवीसी चंद्रपुरा के दो नंबर यूनिट को भी बंद कर दिया गया है। दोनों ही पावर प्लांटों के तीन यूनिटों को बंद करने की घोषणा 8 सितंबर को डीवीसी कोलकाता के अपर निदेशक डी.पट्टानायक ने पत्रांक-एस/ई/-1/1/21 के तहत की है।
अपर निदेशक द्वारा जारी किये गये पत्र में लिखा है कि 29 जुलाई 2017 को डीवीसी बोर्ड की 634 वीं बैठक में स्वीकृति लेकर प्रस्ताव संख्या-8789 के तहत डीवीसी बोकारो थर्मल के एक एवं दो नंबर यूनिट तथा चंद्रपुरा के दो नंबर यूनिट को रिटायर घोषित कर दिया गया है और यह घोषणा विगत् 30 जुलाई से ही प्रभावी माना जाएगा, दूसरी ओर बोकारो थर्मल का स्थानीय प्रबंधन विगत् 23 जून से बिजली की मांग नहीं होने का कारण बताकर बी प्लांट को बंद कर रखने की बात कर रहा था।
प्रबंधन का कहना था कि बिजली की मांग होने तथा मुख्यालय की स्वीकृति मिलने के बाद ही प्लांट को दुबारा चालू किया जाएगा। बंदी के दौरान एक बार नये प्लांट के बंद होने पर बी प्लांट की एक यूनिट को चालू करने का आदेश मैथन सीएलडी के द्वारा दिया गया था परंतु बारह घंटे तक यूनिट लाईटअप रहने के बाद भी सिंक्रोनाईज नहीं किया जा सका था। पावर प्लांट को चालू करने को लेकर स्थानीय स्तर पर असमंजस की स्थिति इस घोषणा के बाद समाप्त हो गयी है।
स्थानीय सांसद ने चालू कराने का दिया था आश्वासन
कामगार एवं सप्लाई मजदूर-बोकारो थर्मल पावर प्लांट को बंद करने की घोषण से स्थानीय बी प्लांट के लगभग डेढ़ हजार की संख्या में मौजूद कामगार, सप्लाई मजदूर एवं एआरसी-एएमसी में काम करने वाले मजदूर भौंचक हैं। कामगारों का कहना था कि पावर प्लांट को दुबारा चालू करने को लेकर सांसद रविंद्र कुमार पांडेय द्वारा ऊर्जा मंत्री से मिलकर चालू करने की बात कही जा रही थी जो कि सिर्फ आश्वासन साबित हुई। दिल्ली में फोटो खिंचाकर स्थानीय स्तर पर समाचार छपवाकर दिग्भ्रमित करने का ही प्रयास किया जाता रहा।
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