पटना : बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश बढ़ा दी है. मंझौल कोर्ट से शुक्रवार को कुर्की-जब्ती का आदेश मिलने पर शनिवार की सुबह बेगूसराय पुलिस ने चेरिया बरियारपुर के अर्जुनटोला स्थित मंजू वर्मा के आवास पर कुर्की-जब्ती का इश्तेहार चिपकाया. इसके बाद एसपी अवकाश कुमार के नेतृत्व में मंजू वर्मा के घर की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू की गयी. जानकारी के मुताबिक, मंझौल अदालत से शुक्रवार को कुर्की-जब्ती का आदेश मिलने के बाद बेगूसराय की पुलिस सक्रिय हो गयी. बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी के लिए बेगूसराय पुलिस ने दबिश बढ़ाते हुए शनिवार की सुबह चेरियाबरियारपुर के अर्जुनटोला स्थित उनके घर पर पुलिस की मौजूदगी में ढोल बजा कर इश्तेहार चिपकाया गया है. मालूम हो कि चेरियाबरियारपुर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक द्वारा अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में इश्तेहार एवं कुर्की के लिए आवेदन दिया गया था, जिस पर सुनवाई के बाद अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रभात त्रिवेदी ने धारा 82 और 83 के तहत पुलिस को इश्तेहार और कुर्की की कार्रवाई का आदेश जारी किया है.
मंजू वर्मा के आत्मसमर्पण करने की संभावना बढ़ी
बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के आत्मसमर्पण किये जाने की चर्चा हो रही है. बेगूसराय स्थित मंझौल कोर्ट में आत्मसमर्पण किये जाने की अफवाह पर शुक्रवार को दिन भर गहमा-गहमी का माहौल रहा. हालांकि, पूर्व मंत्री ने आत्मसमर्पण नहीं किया. लेकिन, कुर्की-जब्ती की कार्रवाई को लेकर अदालत का आदेश मिलने पर मंजू वर्मा के चेरियाबरियारपुर में इश्तेहार चिपकाये जाने के बाद मंजू वर्मा के आत्मसमर्पण किये जाने की चर्चा है. मालूम हो कि पिछले माह 29 अक्तूबर को बिहार पुलिस द्वारा कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जानेवाली थी. कुर्की-जब्ती की कार्रवाई से पहले पुलिस की ओर से इश्तेहार चिपकाया गया था. पुलिस की कार्रवाई के डर से पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. इसीलिए कयास लगाये जा रहे हैं कि मंजू वर्मा के आवास की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई के लिए इश्तेहार चिपकाये जाने के बाद वह भी आत्मसमर्पण कर सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 27 को बिहार के डीजीपी को उपस्थित होने का दिया है आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बिहार पुलिस को फटकार लगाते हुए पुलिस महानिदेशक को 27 नवंबर तक अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि ”हम चकित हैं कि एक महीने से अधिक समय में पुलिस पूर्व कैबिनेट मंत्री का पता नहीं लगा सकी है. हम पुलिस से जानना चाहते हैं कि एक महत्वपूर्ण व्यक्ति को पुलिस कैसे नहीं पता लगा पा रही है.” न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की पीठ ने बिहार पुलिस से पूछा था कि ”पूर्व मंत्री मंजू वर्मा कहां हैं?” साथ ही अब तक बिहार पुलिस को मंजू वर्ता का पता नहीं लगाये जाने पर टिप्पणी की थी कि, ‘आश्चर्य है’, ‘आपको पता भी है कि कितना संगीन मामला है? यह अति है.’