पटना : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर विवाद थमता नहीं दिख रहा है. अब रामविलास पासवान की पार्टी LJP ने आज बीजेपी को खुला अल्टीमेटम दे दिया है. रामविलास पासवान के भाई और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को पटना में बकायदा पत्रकार वार्ता कर बीजेपी को 31 दिसंबर तक सीट शेयरिंग का काम पूरा कर लेने की चेतावनी दी. पारस ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी को 7 सीटों में एक भी कम मंजूर नहीं है. पशुपति पारस ने कहा कि बीते चार सालों में पार्टी का विस्तार हुआ है और इसके नेताओं की लोकप्रियता भी बढ़ी है. इसलिए हम बिहार के साथ ही झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी लोकसभा चुनाव में सीटों की मांग करते हैं.इसके साथ ही चिराग पासवान के चाचा और बिहार सरकार में मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे के ट्वीट को बिल्कुल सही बताया है. लोजपा के इस तेवर के बाद बिहार की राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है. इसके साथ ही कई तरह के चर्चा जोरों पर है. चर्चा यह भी है कि सियासत के सबसे बड़े मौसम वैज्ञानिक माने जाने वाले रामविलास पासवान ने सियासी हवाओं का रुख भांप लिया है. हाल ही में पांच विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद पासवान को यह लग गया है कि आगमी चुनाव में बीजेपी का बेड़ा पार नहीं लगने वाला है. लिहाजा लोजपा ने बीजेपी को खुला अल्टीमेटम दे दिया है.इससे पहले मंगलवार को लोजपा के नेता चिराग पासवान ने दो ट्वीट लीख कर अपना रूख साफ किया. चिराग ने अपने पहले ट्वीट में लिखा है, गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात हुई, परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है. इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है. चिराग पासवान ने अपने एक अन्य में ट्वीट में लिखा, ‘टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए गठबंधन से जाने के बाद यह गठबंधन नाजुक मोड़ से गुजर रहा है. ऐसे समय में भाजपा गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानपूर्वक तरीके से दूर करें.’
विदित हो कि हाल ही में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए से अलग हो गये है. इसके बाद अब लोजपा ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. लोजपा सांसद चिराग पासवान ने अपने ट्वीट में एनडीए को झटका देने का संकेत देते हुए कहा कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर बात आगे नहीं बढ़ने पर एनडीए को नुकसान हो सकता है.
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव बिहार में भाजपा, लोजपा और रालोसपा मिलकर चुनाव लड़े थे. लोजपा को कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी और छह पर उसे जीत मिली थी. वहीं रालोसपा तीन पर चुनाव लड़ी थी और सभी सीटें जीतने में कामयाब रही थी. इस बार सीटों के बंटवारे पर नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है. ऐसे में अगर लोजपा भी एनडीए का साथ छोड़ती है तो भाजपा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.