छपरा-शहर में स्थित महिला अल्पावास गृह में एक मंदबुद्धि युवती को दवा खिलाकर रेप किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। युवती अब गर्भवती है। एसपी के आदेश के बाद डीएसपी अजय कुमार के नेतृत्व में शनिवार की रात पुलिस ने छापेमारी कर इस मामले में योजना प्रशिक्षण पुनर्वास पदाधिकारी सरोज कुमारी और गार्ड रामस्वरुप पंडित समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब उनसे पूछताछ कर रही है। इधर, महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक एन विजया लक्ष्मी ने अल्पावास गृह का लाईसेंस रद्द करने और संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। प्रबंध निदेशक के आदेश के आलोक में डीएम सुब्रत कुमार सेन ने अल्पावास गृह का लाइसेंस रद्द कर दिया है। वहां की सभी 27 महिलाओं व युवतियों को सीवान अल्पावास गृह में शिफ्ट कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, 23 साल की उक्त युवती इसुआपुर की रहने वाली है। उसे दवा खिलाकर लगातार रेप किया जाता रहा। आखिरकार वह गर्भवती हो गयी। दरअसल युवती तीन महीने पहले अल्पावास गृह में लायी गयी थी तब उसकी मेडिकल जांच कराई गयी थी। रिपोर्ट निगेटिव थी। तीन महीने बाद जब जांच कराई गयी तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। यह देख महिला निगम की पदाधिकारियों को गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ। फिर पटना से आयी महिला निगम की टीम ने अल्पावास गृह पहुंचकर महिला का बयान लिया। उसने दवा देने की बात बतायी। युवती के कहने पर ही सदस्यों ने गार्ड से पूछताछ की। बाद में सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को दी। रिपोर्ट मिलने के बाद पुनर्वास पदाधिकारी पर कर्तव्य में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया। वहीं गार्ड को रेप के लिए प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। सचिव रणधीर कुमार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है । जिला प्रशासन की तरफ से नगर थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही हैं। एक प्राथमिकी कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर पुनर्वास केन्द्र की अधिकारी सरोज कुमारी के खिलाफ दर्ज होगी तो दूसरी प्राथमिकी गार्ड के खिलाफ यौन शोषण के मामले में दर्ज होगी।
बिहार में नही थम रहा महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं, छपरा अल्पावास गृह में मंदबुद्धि युवती से दवा खिला रेप
