बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ा, दो दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा

पटना-गंगा, सोन और पुनपुन नदियों के बढ़ते जलस्तर से पटना जिले के 25 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पुनपुन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है। इससे पटना से सटे शहरी और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। जलस्तर बढ़ता देख डीएम कुमार रवि ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत और बचाव कार्यों पर चर्चा की।

मनेर में छह ऐसे गांव चिह्नित किए गए हैं, जहां सबसे अधिक बाढ़ का खतरा है। अधिकारियों का कहना है कि सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जल संसाधन विभाग के अभियंताओं के साथ मिलकर नदियों की स्थिति के अनुसार उचित कदम उठाएं। इधर, राहत शिविर के लिए खाद्य पदार्थों की खरीद और पशुओं के चारा की व्यवस्था कर ली गई है। जिला प्रशासन का कहना है कि सभी बांध सुरक्षित हैं। बांध पर दबाव जरूर है लेकिन इसके नुकसान होने की आशंका नहीं है। इसलिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को चौबीस घंटे पेट्रोलिंग करने को कहा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कदम उठाया जा सके।

सात ब्लॉक में विशेष तैयारी
एडीएम आपदा का कहना है कि पटना सदर, दानापुर, मनेर, मसौढ़ी, पुनपुन, बख्तियारपुर और फतुहा ब्लॉक में बाढ़ का खतरा अधिक है। इसीलिए इन प्रखंडों में राहत और बचाव की विशेष तैयारी चल रही है। नए शरण स्थली को भी चयन किया जाना शुरू हो गया है। पहले से जो शरणस्थली चयनित हैं, उनकी स्थिति की जानकारी के लिए सभी सीओ को निर्देश दिया गया है।

नदियों की स्थिति
पुनपुन का जलस्तर 51 मीटर हो गया है। जो खतरे के निशान से आधा मीटर अधिक है। वहीं सोन नदी का पिछले 28 वर्षों का जलस्तर जो 49.48 मीटर था, पार कर 50.37 मीटर हो गया है। हालाकि केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक सात अगस्त सुबह छह बजे तक मनेर में सोन का जलस्तर घटता हुआ बताया गया है। वहीं गंगा की बात करें तो दीघा और गांधी घाट में नदी का जलस्तर स्थिर है लेकिन हथिदह में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गांधी घाट में गंगा 50 सेंटीमीटर खतरे के निशान से नीचे है। जिस प्रकार गंगा तेजी से बढ़ रही है, उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले एक सप्ताह में गांधीघाट में खतरे के निशान को पार कर जाएगी क्योंकि यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है जबकि मौजूदा जलस्तर 48.5 मीटर हो गया है। हाजीपुर में गंडक 28 वर्षों के औसत जलस्तर को पार कर चुकी है। वर्तमान समय में नदी का जलस्तर 48.54 मीटर हो गया है लेकिन यह नदी अब भी खतरे के निशान से दो मीटर नीचे है।

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