जीतन राम मांझी शुक्रवार को सिविल कोर्ट में आयोजित एक समारोह में हुए जहाँ उन्होंने ये कहा की, मैं चूड़ा दही खाने एक भाजपा नेता के यहां चला गया तो मुझ पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए। सवाल है कि मोदी-नीतीश की मुलाकात और हाथ मिलाने से धर्मनिरपेक्षता की भ्रूण हत्या नहीं हो गई? मांझी ने कहा चर्चा है कि खजाने में धन की कमी बताकर मेरी कैबिनेट में लिए गए फैसलों को पलटने की तैयारी चल रही है। इस मसले पर मुझे इतना ही कहना है कि बिहार में धन की कोई कमी नहीं है। यहां इच्छाशक्ति की कमी है। यदि उनकी सरकार को तीन महीने का समय और मिलता तो तमाम घोषणाएं जो कैबिनेट की गई थीं उन्हें पूरा कर दिया जाता।