अनूप नारायण सिंह
चले हैं जिस सफ़र पर उसका कोई अंजाम तो होगा
जो हौंसला दे सके ऐसा कोई जाम तो होगा,
जो दिल में ठान ही ली है कामयाबी को अपना बनाने की
तो कोई न कोई इंतजाम तो होगा।
अपनी हिम्मत और लगन के बदौलत जानी मानी फैशन डिजाइनर और पटना की रितु
बेरी कही जाने वाली सोनी सहाय आज फैशन की दुनिया के साथ ही सामाजिक
क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुयी है लेकिन इन कामयाबियों को
पाने के लिये उन्हें अथक परिश्रम का सामना भी करना पड़ा है।
रात नहीं ख्वाब बदलता है,
मंजिल नहीं कारवाँ बदलता है;
जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,
किस्मत बदले न बदले ,
पर वक्त जरुर बदलता है |
सोनी सहाय करीब एक दशक से फैशन के साथ ही महिला सशक्तिकरण के लिए कई
महत्वपूर्ण कार्य करने में लगी हुयी है। सोनी सहाय का अपनी व्यस्त
जीवनशैली से समय निकालकर समाजसेवा में भी अपना पूरा योगदान देती हैं।
उनका कहना है कि सामाजिक सरोकार से ही समाज की दशा एवं दिशा बदल सकती है।
कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं। इस बात को
साबित कर दिखाया है सोनी सहाय ने ।
सोनी सहाय को हाल ही में एनजीटाउन का फाउंडेशन डे और सीसीएल 2 के जर्सी
लांच पर यंग अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस समारोह का आयोजन
एनजी टाउन के सीएमडी (संजय सिंह और नमिता सिंह ) द्वारा प्रायोजित
कॉर्पोरेट क्रिकेट लीग (सी.सी.एल.) सीजन-2 की जर्सी लॉन्चिंग के उपलक्ष्य
में किया गया जिसमे यंग अचीवर्स अवार्ड से उन 25 महिलाओं एवं पुरुषों को
सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में राज्य एवं देश का नाम
रौशन करने के साथ-साथ समाज के लिए प्रेरणादायी कार्य किया है।
झारखंड के जमशेदपुर शहर की रहने वाली सोनी सहाय ने वर्ष 1998 में
मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। सोनी सहाय के पिता डा लाला विश्वमोहन सहाय और
मां स्नेह लता पुत्री को उच्चअधिकारी के तौर पर देखना चाहते थे लेकिन
सोनी सहाय फैशन डिजाइनर बनने की ख्वाहिश रखती थी। वह बचपन के दिनों से
अपने डिजाइन किये हुये कपड़े पहना करती थी । वर्ष 1998 में ही सोनी सहाय
की शादी संदीप सहाय से हो गयी जो एयरटेल
में उच्च अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं।जहां आम तौर पर युवती की शादी के
बाद उसपर कई तरह की बंदिशे लगा दी जाती है लेकिन सोनी सहाय के साथ के साथ
ऐसा नही हुआ। सोनी के पति के साथ ही ससुर कुंदन सहाय और सास प्रतिमा सहाय
ने हर कदम सर्पोट किया।
कामयाबी के सफ़र में मुश्किलें तो आएँगी ही
परेशानियाँ दिखाकर तुमको तो डराएंगी ही,
चलते रहना कि कदम रुकने ना पायें
अरे मंजिल तो मंजिल ही है एक दिन तो आएगी ही।
सोनी सहाय को समाज सेवा में भी गहरी रूचि थी। सोनी सहाय महिला सशक्तीकरण
को बढ़ावा देना चाहती थी और इसी को देखते हुये वह महिला सशक्तीकरण की
दिशा में काम करने वाली दैनिक जागरण संगिनी क्लब से जुड़ गयी जहां उनकी
काबलियत को देखते हुये उन्हें उपाध्यक्ष भी बनाया गया। वर्ष 2016 में
सोनी सहाय स्वंय सेवी संगठन सामायिक परिवेश से जुड़ गयी और महिलाओं और
बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर काम किया। सोनी सहाय का का कहना है कि
चाहे खेल कूद हो अथवा अंतरिक्ष विज्ञान, हमारे देश की महिलाएं किसी से
पीछे नहीं हैं। वे आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का गौरव
बढ़ा रही हैं।नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है। वैसे अब
ये मुद्दा Women Development का नहीं रह गया, बल्कि Women-Led
Development का है।””यह जरूरी है कि हम स्वयं को और अपनी शक्तियों को
समझें। जब कई कार्य एक समय पर करने की बात आती है तो महिलाओं को कोई नहीं
पछाड़ सकता। यह उनकी शक्ति है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए।”
सोनी सहाय को उनकी प्रतिभा और फैशन के प्रति समझ और जागरूकता को देखते
हुये एनसी ब्रांड के द्वारा प्रायोजित मिसेज ग्लोबल का जज भी बनाया गया।
जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।
सोनी सहाय बिहार के फैशन को वैश्विक मंच पर ले जाना चाहती है।सोनी सहाय
का कहना है कि बिहार प्रतिभा के मामले में किसी भी दूसरे राज्य से कम
नहीं है। फिर चाहे वह फिल्म हो, फैशन हो या फिर कला का क्षेत्र हर जगह
बिहार के लोगों ने अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं।राजधानी पटना किसी भी
मेट्रो शहर से किसी भी मायने में कम नहीं है। सोनी सहाय दिल्ली फैशन हाट
की तर्ज पर राजधानी पटना में पटना हाट में फैशन बुटिक लांच किया है।सोनी
सहाय ने कहा हमारा युवा वर्ग फैशन इंडस्ट्री और ग्लैमर जगत से जितना
प्रभावित है उतना ही आतुर वह उनमें जाने के लिए भी है। आधुनिक युग में
युवा सिर्फ ढंकने और सुंदर बनने के लिए ही कपड़े नहीं पहनता बल्कि अब यह
हमारे स्टेट्स और फैशन फंडे का सिंबल बन चुका है।
सोनी सहाय बिहार के फैशन को वैश्विक मंच पर ले जाना चाहती है। उन्होंन
कहा वैश्विक फैशन जगत में भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। इसके
अलावा अच्छे से अच्छे ब्रांड के कपड़े पहनना सबसे अच्छा तथा लेटेस्ट
डिजाइन पहनना और हमेशा स्टाइलिश बनाना आज के युवा का शौक है जिसे संभव
करते हैं फैशन डिजाइनर। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में फैशन
डिजाइनिंग का कोर्स सबसे ज्यादा प्रचलित हुआ है। मेरी ख्वाहिश है बिहार
का फैशन वैश्विक मंच पर सराहा जाये। सोनी सहाय ने कहा मेरा मानना है कि
हम सबके लिए अवसर हैं, क्योंकि दुनिया अवसरों से भरी है। यह हमारे हाथों
में है कि उस पल को पकड़े और जादू जगा दें। आज मेरे लिए सफलता का अर्थ है
कि मैं जो करना चाहती हूं वह जब, जैसा करना चाहती हूं, कर सकूं। जैसे
जापान के कई डिज़ाइनरों ने जापानी संस्कृति को अपने डिज़ाइन में सम्मान
देकर सफल अंतरराष्ट्रीय जापानी ब्रैंड खड़े कर दिए। ऐसा सपना मैं अपने
बिहार के के लिए रोज खुली आंखों से देखती हूं! उम्मीद है मेरा यह ख्वाब
एक न एक दिन जरूर पूरा होगा।
सोनी सहाय कहती है ज़िन्दगी हसीं है ज़िन्दगी से प्यार करो
हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो
वो पल भी आएगा जिस पल का इंतज़ार है आपको
सोनी सहाय आज कामयाबी की बुलंदियों पर हैं लेकिन उनके सपने यूं ही
नही पूरे हुये हैं यह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है।सोनी सहाय बताया कि
वह अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पति के साथ ही दोनों बेटे यश सहाय और
अंश सहाय को देती है जिन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया है।सोनी सहाय
अपने पति को रियल हीरो मानती है उन्हें याद कर गुनगुनाती है , आये हो
मेरी जिंदगी में तुम बहार बन के , मेरे दिल में यूहीं रहना तुम
प्यार-प्यार बन के।