पटना: चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का कहर थम नहीं रहा है। शुक्रवार की देर रात क्वारंटाइन में रखे एक सफेद मोर और शनिवार को एक कालिज नामक पक्षी की मौत हो गई। ये दोनों पक्षी पहले मरने वाले छह मोरों के आसपास वाले केज में थे। इन पक्षियों की मौत से जू प्रशासन में हड़कंप मचा है। अब जू में एक ही सफेद मोर बच गए। यह भी क्वारंटाइन (अस्पताल का पिंजड़ा) में है। अबतक इसकी हालत ठीक बतायी जा रही है। वेटनरी के डॉक्टरों की टीम छह मोरों के आसपास वाले केज के पक्षियों का सैंपल जांच के लिए ले चुकी है। लेकिन इसे अबतक जांच के लिए भेजा नहीं जा सका है। यह रविवार को कोलकाता भेजा जाएगा। हालांकि, वेटनरी डॉक्टर जितेन्द्र कुमार और जू निदेशक अमित कुमार संक्रमण से प्रभावित वाले केज के आसपास पक्षियों की स्थिति देखने पर संक्रमण का फैलाव नियंत्रण में होने का दावा कर रहे थे। लेकिन इन पक्षियों की मौत ने स्थिति स्पष्ट कर दी कि चिड़ियाघर में संक्रमण का फैलाव जारी है। इधर शनिवार की शाम भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) इज्जत नगर यूपी की दो सदस्यीय टीम चिड़ियाघर पहुंची। टीम ने जू प्रबंधन के साथ घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने जू प्रबंधन को बताया कि संक्रमण का खतरा बड़े जानवरों पर नहीं होगा। यह संक्रमण पक्षियों को प्रभावित करता है। वैसे एहतियात के तौर पर मांसाहारी जानवरों को भोजन 70 डिग्री तापमान पर उबालकर देने की सलाह दी। इससे संक्रमण की आशंका न के बराबर होगी। टीम रविवार को भी जायजा लेने पहुंचेगी। इधर पांचवें दिन संक्रमण से बचाव के लिए नियमित रूप से संक्रमण मुक्त कीटनाशक का छिड़काव किया गया।
बरतें सावधानी
बर्ड फ्लू इनफ्लूएंजा वायरस से सबसे अधिक खतरा वैसे लोगों को है जो लोग हमेशा पशु और पक्षियों के बीच रहते हैं। क्योंकि वायरस पक्षियों से ही मानव में प्रवेश करता है।
राज्यभर से लिए सैंपल की नहीं आयी अब तक रिपोर्ट
पटना। बर्ड फ्लू को लेकर राजधानी समेत राज्य के विभिन्न जिलों से मुर्गे-मुर्गियों व पालतू पक्षियों के एकत्र किए गए सीरम व स्वाब के सैंपल की जांच रिपोर्ट शनिवार को भी प्राप्त नहीं हुई। पिछले एक सप्ताह में पटना समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों से पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा बड़ी संख्या में सैम्पल लिए गए थे। उधर, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान की निदेशक डॉ. अलका शरण के मुताबिक जांच रिपोर्ट आने में अमूमन पांच दिन लग जाते हैं।
जांच में लगे डॉक्टरों की नहीं हो रही स्वास्थ्य जांच
पटना समेत अन्य जिलों में बर्ड फ्लू की जांच में लगे पशु चिकित्सकों के स्वास्थ्य की जांच नहीं होने से उनके बीच नाराजगी है। डॉक्टरों ने शिकायत की है कि उन्हें संक्रमित पक्षियों की जांच करते 19 दिन हो गए हैं, पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनका चेकअप नहीं कराया जा रहा है और न एंटी फ्लू दवा ‘टैमी फ्लू’ ही उन्हें दी गई है। इससे डॉक्टरों के भी संक्रमित होने की आशंका है। पटना में 8 दिसंबर से जांच चल रही है। पशुपालन निदेशक विनोद सिंह गुंजियाल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को 25 दिसंबर को ही पत्र लिख कर जांच में लगे सभी वेटनरी डॉक्टरों का हेल्थ चेकअप कराने व दवा देने का अनुरोध किया था। सिविल सर्जन से भी कहा गया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मरीजों को अंडे की जगह पालक पनीर
बर्ड फ्लू का असर पीएमसीएच में भी दिखने लगा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को खाने में दो अंडा दिये जाते थे लेकिन शनिवार से यह बंद कर दिया गया है। अस्पताल प्रशासन ने एहतियात के तौर पर फिलहाल यह निर्णय लिया है। शनिवार को जब मरीजों को अंडा नहीं दिया गया तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की लेकिन जब उन्हें पूरी जानकारी दी गई तो वे शांत हो गए। पीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ.रंजीत जमैयार ने बताया कि पटना जू में बर्ड फ्लू होने की बात आयी है तब से ही पीएमसीएच को अलर्ट पर रखा गया है। इसलिए मरीजों के हित में अंडा नहीं देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी तक पीएमसीएच में एक भी बर्ड फ्लू केस नहीं आया है और ना ही इसकी सूचना है। मरीजों को अंडा की जगह पर पालक पनीर की सब्जी दी जाएगी। यह व्यवस्था तबतक जारी रहेगी जबतक कि बर्ड फ्लू का प्रकोप समाप्त नहीं हो जाएगा।