26 हजार करोड़ की है रेलवे की फ्रेट कारिडोर योजना
बिहार के कई जिलों को मिलेगा इसका लाभ – नंदकिशोर यादव
पटना, 27 जून । बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति व वरिष्ठ भाजपा नेता श्री नंदकिषोर यादव ने कहा है कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी फ्रेट काॅरिडोर योजना के लिए राज्य सरकार जमीन नहीं दे रही है। 26 हजार करोड़ रूपये से अधिक की इस योजना को वर्ष 2019 तक पूरा करना है।

श्री यादव ने आज यहां कहा कि भारत सरकार के रेल मंत्रालय के ‘माल ढोने वाला गलियारा ’ (फे्रट कारिडोर) के नाम की योजना में बिहार भी शामिल है। लुधिायाना से बिहार, यूपी, मुंबई होते हुए धनकुनी (पष्चिम बंगाल) तक इस गलियारे का निर्माण करना है। कैमूर जिले में जमीन उपलब्ध नहीं कराने के कारण मामला अधर में लटक गया है। इस बाबत केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने राज्य सरकार को हाल ही में पत्र भी लिखा है लेकिन भूखंड उपलब्ध कराने की दिषा में नीतीष सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा है। इस योजना के तहत कारिडोर को पटना, गया, औरंगाबाद और कैमूर जिला से होकर गुजरना है।
श्री यादव ने कहा कि एक ओर तो महागठबंधन की सरकार केन्द्र सरकार की जनोपयोगी योजनाओं को अपने नाम कर जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं तो दूसरी ओर रेल मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण योजना के कार्यान्वयन की दिषा में चुप्पी साधे हुए हैं क्योंकि फ्रेट काॅरिडोर योजना इनके खाते में दर्ज हो ही नहीं सकती है। प्रस्तावित गलियारा के निर्माण से मालवाहक रेलों के परिचालन में सुविधा के साथ-साथ स्पीड में तेजी आयेगी और मालगाड़ियों के कारण यात्री गाड़ियों को लेट होने की बीमारी से काफी हद तक मुक्ति मिल जायेगी।