नई दिल्ली : आम चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बचे हैं, इस बीच फेसबुक ने कांग्रेस पार्टी से जुड़े 687 पेजों को अपने प्लैटफॉर्म से हटा दिया है। सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि अप्रामाणिक व्यवहार के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस से जुड़े इन पेजों को हटाया गया है। फेसबुक ने संभवत: पहली बार इस तरह का ऐक्शन लिया है, जब किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी से जुड़े पन्नों को हटाया गया है। फेसबुक ने साफ किया है कि इन पन्नों को उनमें प्रकाशित सामग्री के बजाय उनके ‘इनऑथेंटिक बिहेवियर’ यानी अप्रामाणिक जानकारी के चलते हटाया गया है।
फेसबुक की सायबर सिक्योरिटी पॉलिसी हेड नैथनिएल ग्लिैशर ने पत्रकारों को बताया कि फेसबुक ने 687 अकाउंट और पेज को डिलीट किया है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर अकाउंट फेसबुक के ऑटोमैटेड सिस्टम ने पहचाने थे। उन्होंने कहा कि ये अकाउंट कांग्रेस की आईटी सेल से जुड़े लोगों के थे। फेसबुक ने कहा कि उसने अपनी जांच में पाया है कि लोगों ने फेक अकाउंट्स बनाए और अलग-अलग ग्रुप्स से जुड़कर कॉन्टेंट को फैलाया और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का काम किया। फेसबुक ने कहा कि इन फेक पन्नों में लोकल न्यूज के अलावा बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की जाती थी।
भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा 30 करोड़ फेसबुक यूजर हैं। फेसबुक ने कहा कि उसने अपनी जांच में पाया है कि लोगों ने फेक अकाउंट्स बनाए और अलग-अलग ग्रुप्स से जुड़कर कॉन्टेंट को फैलाया और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का काम किया। फेसबुक ने कहा कि इन फेक पन्नों में लोकल न्यूज के अलावा बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना भी की जाती थी।
सोशल मीडिया को लेकर चुनाव आयोग (EC) के निर्देश
- नामांकन दाखिल करने के दौरान उम्मीदवारों को सोशल मीडिया एकाउंट्स की जानकारी देनी होगी.
- सोशल मीडिया पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों का प्री-सर्टिफिकेशन अनिवार्य होगा.
- चुनाव आयोग ने गूगल, फेसबुक, ट्वीटर और यू-ट्यूब को राजनीतिक दलों के विज्ञापनों को वेरिफाई करने को कहा.
- सोशल मीडिया पर विज्ञापनों पर खर्च को चुनावी खर्च का हिस्सा माना जाएगा.