
तेजस्वी यादव ने ऐलान किया था कि आरा-छपरा और दीधा-सोनपुर सड़क पुल वह अपने ‘पापा’ लालू प्रसाद के जन्मदिन पर उन्हें गिफ्ट करेंगे। मगर खुषी की बात है कि भाजपा के विरोध के बाद सरकार ने भ्रष्टाचार के सजायफ्ता लालू प्रसाद के बजाय इन पुलों को बिहार की जनता को समर्पित करने का निर्णय लिया है। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को तो बिहार की जनता से क्षमा मांगना चाहिए कि राजद के 15 साल के कार्यकाल में बिहार की केवल बदनामी ही नहीं हुई, यहां की सड़कें गड्ढे में बदल गई थी और 200 करोड़ का अलकतरा घोटाला हुआ था।
तेजस्वी यादव को भाजपा गठबंधन सरकार को धन्यवाद देना चाहिए कि आज वे बिहार की जिन सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं वह राजद-कांग्रेस नहीं बल्कि एनडीए की देन है। आरा-छपरा पुल का षिलान्यास 2010 में एनडीए के कार्यकाल में हुआ था जिसका निर्माण 2014 में पूरा हो जाना था। इसी प्रकार दीधा-सोनपुर रेल पुल के साथ सड़क पुल का प्रस्ताव भी भाजपा गठबंधन सरकार के दबाव में स्वीकृत हुआ था जिसमें लालू प्रसाद का कोई योगदान नहीं है। तीन साल के विलम्ब के बावजूद उद्घाटित होने जा रहे इन पुलों का निर्माण अभी अधूरा है।
जिस बंद पड़े पुल निर्माण निगम को भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान पुनर्जीवित किया गया था आज वह फिर से पुरानी स्थिति में पहुंच रहा है। पुरानी योजनाओं को पूरा करने के अलावा उसके पास कोई नया काम नहीं है।
