पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीयू छात्र संघ के अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज और उपाध्यक्ष योतश्ना पटवर्धन का निर्वाचन रद कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी अधिसूचना भी आज जारी कर दी है। बताते चलें कि पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव संपन्न होने के साथ ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सह सचिव पर नामांकन के दौरान गलत प्रपत्र देने का आरोप लगा था। जिसके बाद एआईएसएफ, आइसा और छात्र जनअधिकार परिषद के छात्रों ने विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा किया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीनों मामले की जांच को कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी ने सभी आरोपों की जांच के बाद रिपोर्ट कुलपति को सौंप दिया था। जिसके बाद आज यह फैसला कुलपति के द्वारा लिया गया।
अध्यक्ष पर यह है आरोप
दिव्यांशु भारद्वाज पर आरोप है कि वो स्नातक में बीएन काॅलेज के छात्र थे। बीएन काॅलेज में एक सत्र में वह फेल कर गए। काॅलेज से बिना सीएलसी और माईग्रेसन लिए ही हिमालयन विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन ले लिया। स्नातक इन्होंने हिमायन विश्वविद्यालय से ही पूरा किया। इसके बाद वे पटना विश्वविद्यालय के दरभंगा हाउस में स्नातकोत्तर में नामांकन लिया। नियम यह है कि आप अगर एक दिन के लिए भी किसी विश्वविद्यालय में नामांकन लेने हैं और उसके बाद किसी दूसरे काॅलेज या विवि में नामांकन कराते हैं तो संबंधित काॅलेज या विश्वविद्यालय से आपको सीएलसी और माइग्रेसन लेना होगा।
प्रमोटेड थी उपाध्यक्ष, नामांकन पत्र में नहीं किया था जिक्र
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की उपाध्यक्ष योतश्ना पटवर्धन स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में फेल हो गई थी। द्वितिय वर्ष में उसे प्रमोट किया गया था। नामांकन प्रपत्र में योतश्ना ने इसका जिक्र नहीं किया था। लिंगदोह कमेटी के नियम के अनुसार कोई भी फेल या प्रमोटेड विद्यार्थी चुनाव नहीं लड़ सकता है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने नामांकन के दौरान इस तथ्य की जांच किए बिना ही योतश्ना का नामांकन वैध करार दिया। काउंटिंग के बाद जब योतश्ना विजयी हुई इसके बाद छात्र संगठनों ने यह मामला उजागर किया। जिसके बाद विश्वविद्यालय ने जांच बैठा दी।