पटना 01 नवम्बर 2017:
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज होटल चाणक्या में सेन लेबोरेटरी के संस्थापक डॉ0 दिलीप सेन की यादों के संकलन पर आधारित पुस्तक ‘नो फियर’ का विमोचन किया और लोकार्पण समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ0 दिलीप सेन के पूरे काम और उनके जीवन पर आधारित इस पुस्तक के लोकार्पण समारोह में मौजूद होना उनके लिए प्रसन्नता के साथ ही गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि डॉ0 दिलीप सेन को वे छात्र जीवन से ही जानते थे लेकिन पिछले 12 वर्षों में काम संभालने के बाद वे लगातार मिलते रहे और उन्हें नजदीक से जानने का मौका मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उम्र में भी डॉ0 दिलीप सेन की सक्रियता देखकर काफी आश्चर्य होता है। उन्होंने कहा कि कई दफे उन्हंे ब्लड टेस्ट की जब जरूरत हुई तो मेरा खून भी उन्होंने निकाला है, इस उम्र में भी उनका हाथ नहीं कांपता है। उन्होंने कहा कि अब तक डॉ0 सेन की छह पीढ़ी इस काम को करते आई है और ऐसे में जो डॉ0 दिलीप सेन द्वारा जो काम किया गया है, वह चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी होगा।
पी0एम0सी0एच0 की जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान देश के उन पुराने संस्थानों में से एक है, जब चंद मेडिकल कॉलेज इस देश में हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि वे पी0एम0सी0एच0 को वल्र्ड क्लास का संस्थान बनाना चाहते हैं। लोकार्पण समारोह में मौजूद चिकित्सकों से हरसंभव सहयोग करने की अपील करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पी0एम0सी0एच0 अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बने, यह उनकी आकांक्षा है और इसके लिए जितनी राषि की जरूरत होगी, राज्य सरकार प्रबन्ध करेगी। उन्होंने कहा कि तमाम जो बड़े चिकित्सक हैं, उनका जुड़ाव कही न कही पी0एम0सी0एच0 से रहा है इसलिए हर कोई मिलकर आईडिया और कांसेप्ट तैयार कीजिये ताकि पी0एम0सी0एच0 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनाया जा सके।
पी0एम0सी0एच0 के वर्तमान हालात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे तो उस वक्त देश के दूसरे राज्यों यू0पी0, ईस्टर्न स्टेट और नेपाल तक से मरीज इलाज कराने आते थे लेकिन आज की स्थिति आपके सामने है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में भी बिहार में बहुत कुछ हुआ है लेकिन अभी काफी काम करना बाकी है। सेन लेबोरेटरी की लोकप्रियता की जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इसकी इतनी ख्याति है कि इस संस्थान के द्वारा किया गया टेस्ट अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अस्पताल और चिकित्सक बेहिचक मानते हैं। चिकित्सकों से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि पी0एम0सी0एच0 की तस्वीर बदलने के लिए आप लोग थोड़ा समय निकालिए क्योंकि इस संस्थान से अधिकांश लोग पढ़कर इंग्लैंड गये हैं और मेडिकल साइंस के क्षेत्र में इंग्लैंड की महत्ता है।
पटना म्यूजियम का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले तक वहां काफी तादाद में पड़े प्रदर्श को प्रदर्शित करने का कोई प्रावधान नहीं था और जब हम वहां घूमने गए तो उन प्रदर्शों को देखा, तब अंतर्राष्ट्रीय म्यूजियम बनाने का ख्याल आया, जिसको तमाम कठिनाइयों के बाद बनाया गया। इसके निर्माण में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पूरा ख्याल रखा गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश के अन्य देशों के एक्सपर्ट का सहयोग लिया गया और अब वहां के प्रदर्श ही नहीं भवन भी दर्शनीय है, इसमे मॉडर्न काॅन्सेप्ट को अपनाया गया। ठीक उसी प्रकार मॉडर्न काॅन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए पी0एम0सी0एच0 के लिए भी काॅन्सेप्ट और आईडिया जो विभिन्न क्षेत्रों में एक्सपर्ट चिकित्सक हैं दें, सरकार पूरी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि आज बिहार के लोगों को बिहार और देश के बाहर इलाज के लिए जाना पड़ता है ऐसे में आप सबों के सहयोग से पी0एम0सी0एच0 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने में हम कामयाब होते हैं तो यह बड़ी बात होगी, इसके लिए आप सबों का सामूहिक आईडिया और काॅन्सेप्ट काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि डॉ0 दिलीप सेन और उनके परिजनों ने चिकित्सा के क्षेत्र में जो काम किया है, वह बिहार और देश के लिए गौरव की बात है।
आज विमोचन की गई पुस्तक ‘नो फियर’ जो डॉ0 दिलीप सेन की यादों के संकलन पर आधारित है, को डॉ0 दिलीप सेन की पुत्री डॉ0 महाश्वेता सेन ने लिखा है।
आयोजित समारोह को बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चैधरी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के प्रेसिडेंट डॉ0 सहजानंद प्रसाद सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पटना के ख्याति प्राप्त चिकित्सक एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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