एक दिन प्रत्याशी के साथ में अनूप नारायण सिंह
पाटलिपुत्र की आस है जानिए क्यों उम्मीदवार रमेश शर्मा खास है…..
जनतंत्र में जनता ही मालिक होती है जनता देश के महापंचायत में 5 वर्षों के लिए अपने प्रतिनिधियों को चुन भेजती है। लोकतंत्र के इस महापर्व में गणतंत्र की जननी बिहार की भूमि ऐसे ही प्रयोगवाद की धरती रही है। बिहार के पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी समर में उतरे देश के चर्चित समाजसेवी फिल्म निर्माता निर्देशक अभिनेता उद्योगपति रमेश कुमार शर्मा अपने अनूठे चुनाव प्रचार के कारण चर्चा के केंद्र बिंदु में है।
चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह के रूप में पानी का जहाज इन्हे दिया है वैसे भी शिपिंग कारोबार में देश के गिने-चुने व्यवसायियों में शामिल है। इनकी किस्मत में पानी का जहाज शुरू से जुड़ा रहा है पानी के जहाज के माध्यम से पाटलिपुत्र के विकास की गाथा रचने की तैयारी में है।
वे कहते है की कराहते हुए बिहार में जातियों की महामारी में हर समाजिक वर्चस्व एवं समाजिक संस्थाओं को चकनाचूर कर दिया है। जिससे तिरस्कृत और अपमानित हर वर्ण व सवर्ण ने विभिन्न धर्मों के साथ स्वाभिमान बचाने के लिए अपनी अस्मिता से जोरदार तरीके से कदम से कदम बढ़ा कर एक सच्चे कर्मवीर उम्मीदवार के रूप में उन्हें जिम्मेवारी सौंपी है।
इनके समर्थक बताते हैं कि पाटलिपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए संयुक्त रूप से स्वतंत्र उम्मीदवारी पर निर्णय लिया गया। श्री आर के शर्मा ने पाटलिपुत्र के सभी वर्ण और सवर्णों के अरमानों को सलामत सलाम करते हुए सभी का अनुरोध स्वीकार किया तथा अपना नामांकन पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से किया है। श्री शर्मा के नामांकन को सवर्णों के आत्म सम्मान और अस्मिता से जोड़कर पाटलिपुत्र में जीत हासिल करने के लिए शंखनाद किया गया है। वहीं पर हर वर्णों के मतदाता आर के शर्मा का चुनाव लड़ने का फैसला अपने सम्मान एवं संतुष्टि के रूप में देख रहै है। श्री आर के शर्मा ने साफ साफ शब्दों में लोगों को आह्वान करते हुए सहयोग देने का आग्रह किया है।
वे कहते है की क्योंकि अगर हम सभी साथ नहीं आते हैं तो इस पाटलिपुत्र के मतदाताओं के बच्चों का भविष्य और देश की सीमा पर जवानों का भविष्य कभी हम सुरक्षित नहीं कर सकते और फिर एक साथ सब मिलकर इंकलाब जिंदाबाद जय हिंद का नारा बुलंद करें। आरके शर्मा कहते हैं कि यह सर्वविदित है कि आप सभी मतदाताओं को पता ही होगा कि “समर शेष है पाप का भागी ना होता केवल व्याध, जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध”