रांची 24 जनवरी 2018
देवघर कोषागार घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। चारा घाटाले के तीसरे केस में लालू को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उन्हें और जगन्नाथ मिश्रा को पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। चाईबासा कोषागार घोटाले में बहस 10 जनवरी को पूरी हो गई थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक, 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत ने आज फैसला सुनाया। सुनवाई में दौरान अन्य आरोपी जगन्नाथ मिश्रा अपनी पत्नी के देहांत के कारण नहीं आ पाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू के साथ 50 अन्य को भी दोषी पाया गया है, जिनमें जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी शामिल है। वहीं 6 को कोर्ट ने बरी किया है। यह मामला चाइबासा ट्रेजरी 1992-1993 में 33.67 करोड़ रुपये की फ्रॉड निकासी से संबंधित है।
देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद पहले से ही बंद हैं जेल में
इस मामले से पूर्व देवघर कोषागार मामले में राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद साढ़े तीन साल की कैद की सजा काट रहे हैं। वे इस समय रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। बीती 6 जनवरी को रांची की सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर इस मामले में पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा ना करने की सूरत में लालू प्रसाद को और छह माह की सजा भुगतनी होगी। अदालत ने 23 दिसंबर, 2017 को इस घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद और 15 अन्य को दोषी करार दिया था।
फैसले पर तेजस्वी यादव का कहना है कि ये अंतिम फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि लालू जी को फंसाने की साजिश की जा रही है, लेकिन कोर्ट के फैसला का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे हाईकोर्ट से राहत की उम्मीद मिलेगी।
चारा घोटाले से जुड़ा दुमका कोषागार का मामला भी है अंतिम चरण में
चारा घोटाले से जुड़ा एक अन्य मामला दुमका कोषागार घोटाला की सुनवाई भी अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. यह मामला अवैध रूप से 3.31 करोड़ रुपये निकाले से जुड़ा है. इस मामले की सुनवाई भी सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह ही कर रहे हैं. 12 जनवरी को इस मामले में लालू यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे।