पर्यावरण के प्रति सजग नहीं होंगे तो न जल रहेगा, न जीवन, मिशन मोड में करना होगा काम : – मुख्यमंत्री
1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष जल – जीवन – हरियाली अभियान से संबंधित एक प्रस्तुतीकरण दिया गया । ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री अरविंद चौधरी ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी ।
सभी सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं तालाब , पोखर , पईन , आहर जैसी अन्य संरचनाओं का सर्वेक्षण / पहचान कर उसके जीर्णोद्धार से संबंधित योजना के बारे में जानकारी दी गई । उन्होंने बताया कि जियो टैगिंग के माध्यम से सभी संरचनाओं को ऑनलाइन देखा जा सकेगा । सार्वजनिक कुओं , चापाकलों , नलकूपों के किनारे सोख्ता / रिचार्ज संरचना का निर्माण , निजी भूमि पर तालाब खुदाई के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना एवं नए जलस्त्रोंतो के सृजन के संबंध में भी जानकारी दी गई । प्रस्तुति के क्रम में सरकारी भवनों जल संचयन की संरचना के निर्माण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई ।
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य में वृक्षारोपण अभियान के तहत 1 अगस्त से 15 अगस्त तक वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 1 करोड़ पौधे लगाए जायेंगे । मनरेगा के तहत भी 50 लाख पौधे लगाए जाएंगे । अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के संबंध में भी जानकारी दी गई ।
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह ने बरसात के समय में गंगा नदी के जल को दक्षिण बिहार के जिलों में पाइप के माध्यम से पहुंचाने के संबंध में भी एक प्रस्तुतीकरण दिया । कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार ने सिंचाई पर कम निर्भरता वाली वैकल्पिक फसलों , ड्रिप एरिगेशन , जैविक खेती एवं अन्य तकनीक से कम वर्षापात की स्थिति में खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित करने हेतु कार्य योजना जानकारी दी ।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जल – जीवन – हरियाली के संबंध में हमलोगों की मौलिक अवधारणा है कि जब तक हमलोग पर्यावरण के प्रति सजग नहीं होंगे तो न जल रहेगा , न जीवन | उन्होंने कहा कि जल और हरियाली रहेगी तभी जीवन संरक्षित रहेगा । इसके लिए हमलोगों को मिशन मोड में काम करना होगा । लोगों के बीच में इसके लिए अभियान चलाना होगा । सभी राजनीतिक दलों की इसमें भागीदारी होगी , ऊपर के लेबल पर ऑल पार्टी बॉडी बनेगी । अभियान के बेहतर संचालन के लिये एक कमिटी बनाकर काम किया जायेगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा के लिए काम करना होगा , वह भी पर्यावरण संरक्षण का हिस्सा है । तालाब के ऊपर सोलर प्लेट लगाने के लिए काम किया जा रहा है यानी नीचे मछली ऊपर बिजली । उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग सड़कों के किनारे पौधे लगाने के लिए तेजी से काम करें । इसे अब मेंटेनेंस पॉलिसी में भी शामिल करें । जल संसाधन विभाग जल संचयन क्षेत्रों वाले तटबंधों पर वृक्षारोपण का कार्य तेजी से करे । उन्होंने कहा कि तेजी से वृक्षारोपण करने से हमलोग राज्य में हरित आवरण के लक्ष्य से भी आगे निकल जाएंगे । उन्होंने कहा कि जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए काम करना होगा । भू – जल स्तर को मेंटेन रखने के लिए लोगों को जागरुक करना होगा ।
बैठक के दौरान जल – जीवन – हरियाली से संबंधित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी ।बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी , जल संसाधन मंत्री संजय झा , नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा , भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी , मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह , मुख्य सचिव दीपक कुमार , विकास आयुक्त सुभाष शर्मा , अपर मुख्य सचिव जल संसाधन अरुण कुमार सिंह , प्रधान सचिव भूमि एवं राजस्व सुधार ब्रजेश मेहरोत्रा , प्रधान सचिव कृषि सुधीर कुमार , ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत , पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा , नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद , मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार , वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह , पशु मत्स्य संसाधन विभाग की सचिव श्रीमती एन0 विजयालक्ष्मी , ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविन्द कुमार चौधरी , ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार , मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा , लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव , मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार , जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी
बालामुरुगनडी , अपरसचिव मुख्यमंत्री सचिवालय चंद्रशेखर सिंह , मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह हित अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे ।