पटना-मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना के तहत पटना घुमाने लाए गए बच्चों को फुटपाथ पर रात भर सुलाने के दोषी पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया कर दिया गया है. पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने यह कार्रवाई की. पूर्वी चंपारण जिले से पटना घूमने आए सरकारी स्कूल के बच्चों को चिड़ियाघर के बाहर ही फुटपाथ पर सुला दिया गया. जानकारी के मुताबिक पूर्वी चंपारण कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय मच्छरगावां के बच्चों को स्कूल प्रबंधन द्वारा मुख्यमंत्री दर्शन योजना के तहत पटना घुमाने लाया गया था. इस दौरान बच्चों को पटना के अन्य जगहों के अलावा चिड़ियाघर भी घुमाया गया. चिड़ियाघर घुमाने के बाद जब देर हो गई तो स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों को चिड़ियाघर के बाहर ही रात भर सड़क के किनारे फुटपाथ पर ही सुला दिया गया. जिस सड़क के किनारे बच्चों को सुलाया गया वो पटना का सबसे व्यस्ततम मार्ग है और आए दिन वहां सड़क हादसे होते रहते हैं. पहले जो जानकारी के मुताबिक बच्चों को वापस उनके घर इसलिए नहीं भेजा जा सका क्योंकि उनको लाने वाली बस खराब हो गई थी लेकिन जब मामले की पड़ताल हुई तो हेडमास्टर ने अपनी गलती मानी. स्कूल के हेडमास्टर ने बताया कि जानकारी के अभाव में हमने बच्चों को फुटपाथ पर ही सुलाया. राजधानी में मोतिहारी के सरकारी स्कूल के बच्चे रात भर सड़क किनारे सोते रहे लेकिन उन पर न तो पटना के किसी सरकारी अधिकारी और न ही पेट्रोलिंग में लगी पुलिस टीम की नजर पड़ी. मुख्यमंत्री दर्शन योजना के तहत बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चों को राज्य के ऐतिहासिक और नामचीन जगहों पर घुमाया जाता है. पटना के चिड़िया घर के गेट नंबर-1 के सामने मच्छरगवा, बनकटवा के ये स्कूली बच्चे रात भर सड़क किनारे फुटपाथ पर सोए रहे. इस दौरान कभी उनके स्कूल के टीचर तो कभी खुद बच्चे अपने दोस्तों की पहरेदारी करते रहे. स्कूली बच्चों के साथ उनको लेकर आने वाले शिक्षक और शिक्षिकाएं भी सड़क किनारे ही पूरी रात भगवान भरोसे रहे.
पटना में फुटपाथ पर रात भर सोते रहे स्कूली बच्चे, 5 शिक्षक निलंबित
