पटना-भक्तों की भक्ति देखने लायक। तेज धूप के बावजूद उत्साह चरम पर। हजारों भक्त रथ खींचने के लिए बेचैन दिखे। जयकार लगता रहा। लोग भक्ति के रंग में डूबकर नाचते रहे। दोपहर दो बजे ही इस्कॉन मंदिर बुद्धमार्ग के सामने हजारों लोगों की भीड़ जुट गई और आखिरकार तीन बजे प्रभु जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा का रथ चल पड़ा। 40 फीट ऊंचे भव्य रथ को खींचने के लिए होड़ लग गई।
भक्तों की भीड़
माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के दिन अपनी मौसी से मिलने शहर में निकलते हैं। इस दौरान भगवान नगरवासियों को दर्शन देते हैं। दर्शन करने व रस्सी खींचने मात्र से सारे पाप खत्म हो जाते हैं। इसी बात को केंद्र में रखकर 18वें साल भी राजधानी पटना में प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। श्री जगन्नाथपुरी की तर्ज पर हजारों भक्तों संग प्रभु की यह रथयात्रा निकली। फूलों से सजे रथ पर प्रभु जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के भव्य रूप देखने के लिए भीड़ उमड़ती रही। हरे कृष्ण हरे राम…गाते हुए भक्त नाचते-झूमते रहे। ढाई बजे से विशेष पूजा शुरू हुई। महाआरती के बाद मुख्य अतिथि एलएन पोद्दार इस्कॉन, इस्कॉन के क्षेत्रीय सचिव आचार्य श्रीमद् महाविष्णु स्वामी जी महाराज, अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास व प्रवक्ता नंदगोपाल दास ने झाड़ू लगाकर रथयात्रा की शुरुआत की।
हाथी-घोड़े संग निकली यात्रा
रथयात्रा का उत्साह चरम पर था। आगे-आगे हाथी, घोड़ा, ऊंट और बैंड-बाजा के साथ भक्तों की टोली। संग-संग रथ खींचते सैकड़ों लोग। हरे कृष्ण हरे राम की गूंज…। पूरा दृश्य भक्तिमय। महिलाओं की टोली झाडू लगाते हुए आगे बढ़ रही थी और रथ खींचते हुए भक्तों का हुजूम आगे बढ़ रहा था। रस्सी खींचने की तो होड़ मची रही। इस दौरान रथ से भक्तों के हाथों में प्रसाद मिलता रहा।
जगह-जगह स्वागत हुआ
इस्कॉन मंदिर से रथयात्रा की शुरुआत हुई और तारामंडल, डाकबंगला, फ्रेजर रोड, गांधी मैदान, एग्जीबिशन रोड, फ्रेजर रोड ,महावीर मंदिर पटना जंक्शन से इस्कॉन मंदिर आकर रथयात्रा का समापन हुआ। इस दौरान प्रभु जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा का दर्शन के लिए सड़क के दोनों किनारों पर भीड़ लगी रही। लोग छतों पर चढ़ कर भी रथयात्रा को निहारते रहे।