पटना: पढ़िए जेयाद अपहरण की पूरी कहानी !

पटना-न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी 362बी में रहनेवाले इंजीनियर आरिफ मलिक के छोटे बेटे जेयाद के अपहरण के पीछे इवेंट कंपनी चलानेवाला भीखाचक निवासी शशि रंजन था। उसपर 22 लाख का कर्ज था। उसने परिचित और जेयाद के पड़ोसी वकार अशरफ को कहा कि किसी का अपहरण कर फिरौती वसूलनी है। पाटलिपुत्र मस्जिद के पास मोहिउद्दीन इंक्लेव में रहनेवाले वकार ने शशि से कहा कि पड़ोस में इंजीनियर का बेटा जेयाद रहता है। उसका बाप पैसे वाला है। हाल ही में उसने फ्लैट बेचा है। फुलवारीशरीफ में करोड़ों की जमीन-जायदाद है। वह रोजाना स्कूल जाता है। अपहरण करें तो मोटी रकम मिलेगी।
जेयाद के अपहरण की योजना एक सप्ताह पहले भीखाचक में बनी थी। दो दिन से अपहर्ता रेकी भी कर रहे थे। मंगलवार को इसे अंजाम दिया। जेडी मिश्रा पथ मोड़ पर बिना नंबर की फिएट कार में जेयाद को जबरन बैठा लिया। कार में वकार, शशि, समस्तीपुर निवासी सौरव उर्फ सन्नी, दरभंगा का लोकेश भानू तथा नवादा का अविनाश था। शशि ने ही आरिफ से डेढ़ करोड़ की फिरौती मांगी थी।अपहरण होने के बाद वकार बार-बार जेयाद के घर पर आ रहा था। डीएसपी शिबली नोमानी वहां मौजूद थे। सेल की टीम भी वहां तैनात थी, जो देख रही थी कि इस इलाके से कौन किसे फोन कर रहा है। इसी बीच पुलिस ने वकार को वहां से उठा लिया। यहीं से पुलिस को लीड मिल गई। वकार से पूछताछ की गई। जिस सिम से फिरौती मांगी गई, जांच में वह जमुई के किसी व्यक्ति के नाम पर मिली। जमुई वाले ने कहा कि यह नंबर यूज नहीं कर रहे हैं। बाद में पुलिस को पता चला कि यह सिम सौरव उर्फ सन्नी के पास है। लोकेशन गर्दनीबाग के भीखाचक में मिला। वहां से पुलिस को जेयाद के साथ-साथ लाइसेंसी रिवॉल्वर, दर्जनभर पुलिस का आईकार्ड व नंबर प्लेट, पांच कंप्यूटर, ढेर सारे अन्य दस्तावेज मिले हैं।

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