पटना : शहर के जाने-माने होटल पाटलिपुत्र के मालिक अनिल कुमार सिंह पर जीएसटी विभाग ने प्राथमिकी दर्ज करवायी है. उन पर छापेमारी के दौरान सरकारी कर्मियों को सहयोग नहीं करने और अपने गुंडों को बुलाकर इस सरकारी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अब उनकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है.
केंद्रीय जीएसटी विभाग की विजिलेंस शाखा की रेड 27 अक्टूबर की देर शाम तक उनके दोनों होटलों पाटलिपुत्र एक्जॉटिका और पाटलिपुत्र निर्वाणा के अलावा महाराजा कामेश्वर सिंह कॉम्प्लेक्स स्थित फ्लैट में चली. उनके आवासीय परिसर में मौजूद उनका एक कार्यालय भी सील कर दिया गया है. उनकी अनुपस्थिति में इसे खोला नहीं जा सकता है. इसे सोमवार को खोलने की संभावना है. उनके सभी परिसरों में जांच के दौरान बड़ी संख्या में कागजात बरामद हुए हैं. इस दौरान पांच करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी की बात सामने आयी है.
हालांकि, जीएसटी विभाग अभी टैक्स की गड़बड़ी के आकलन में जुटा हुआ है. इसके बाद ही यह पूरी तरह से स्पष्ट हो पायेगा कि कुल कितने की गड़बड़ी सामने आयी है. एक बड़ी बात यह सामने आयी है कि इसने तीन-चार साल से टैक्स ही नहीं जमा किया था. जीएसटी लागू होने के बाद भी एक बार भी टैक्स नहीं अदा किया था.
दो करोड़ या इससे ज्यादा की टैक्स चोरी में सीधे गिरफ्तारी
जीएसटी के नियमानुसार दो करोड़ या इससे ज्यादा की टैक्स चोरी के मामले में सीधे गिरफ्तारी का प्रावधान है. इस मामले में करीब पांच करोड़ टैक्स चोरी की बात अब तक की जांच में सामने आ चुकी है. विभाग टैक्स चोरी से जुड़े तमाम कागजात की जानकारी जुटाने में लगा हुआ है, ताकि इन्हें साक्ष्य के तौर पर पेश कर जीएसटी प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया जा सके. जांच में यह बात सामने आयी कि होटल आने वाले ग्राहकों से जीएसटी के तहत निर्धारित टैक्स ले लिया जाता था, लेकिन इसे सरकार के पास नहीं जमा किया जाता था. छापेमारी के दौरान होटल में एक गुप्त कमरा मिला जिसमें गड़बड़ियों से जुड़े कागजात छिपा कर रखे गये थे. करीब 50 बक्सों में कागजात भर कर जब्त किये हैं. अन्य कई तरह के कागजात और जरूरी तथ्य जब्त किये गये हैं.