पटना: सोमवार शाम को पटना विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह से मिलने आए जदूय के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की गाड़ी पर आवास से निकलते समय छात्रों ने पथराव कर दिया। इससे गाड़ी का शीश फूट गया। हालांकि प्रशांत किशोर बाल-बाल बच गए। इसके बाद वहां मौजूद भारी संख्या में मौजूद पुलिस ने छात्रों को खदेड़ा व लाठी चटकाई। पथराव करनेवाले एक लड़के को गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, प्रशांत किशोर के पटना विवि कुलपति के आवास में आने की खबर आग की तरफ विश्वविद्यालय में फैल गई। फिर क्या था कुछ देर में ही सैकड़ों विद्यार्थी आवास के आगे डेरा डाल दिए। अंदर कुलपति और प्रशांत किशोर में वार्ता होती रही और बाहर नारेबाजी। यही नहीं ये विद्यार्थी व विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता आवास को चारों तरफ से घेर लिए ताकि किसी तरह प्रशांत किशोर आवास से निकल नहीं पाए। छात्रों का एक झुंड गंगा की तरफ से भी कुलपति आवास को घेर लिया।
छात्रों का दावा था कि प्रशांत किशोर छात्र संघ चुनाव को मैनेज व डील करने के लिए कुलपति प्रो. रासबिहारी सिंह से मिलने आए हैं। छात्रों का प्रश्न था कि आखिर प्रशांत किशोर का कुलपति से मिलने का क्या औचित्य है। छात्र देर रात तक कुलपति आवास के चारों ओर घेरा डाले रहे। इस दरम्यान अंदर की एक फोटो आ गई। जिसमें प्रशांत किशोर और पटना विवि के एक अधिकारी दिख रहे थे। यह फोटो मिनटों में वायरल हो गई। इससे अंदर प्रशांत किशोर के होने की पूरी तरह पुष्टि हो गई।
कुछ देर के बाद एक वीडिया व ऑडियो भी वायरल हो गया। इससे छात्रों में और गुस्सा भर गया। बाद में मामला गंभीर होता देख आला पुलिस अधिकारियों को खबर की गई। जिसके बाद पीरबहोर, कोतवाली, कदमकुआं, गांधी मैदान आदि थानों के पुलिस अधिकारी और पुलिस बल सैकड़ों की संख्या में कुलपति आवास आए। उनके साथ टाउन डीएसपी भी थे। इन लोगों मोर्चा संभाला और छात्रों को समझाने का प्रयास करते रहे। लेकिन छात्र गेट के आगे सोए रहे। पुलिस ने किसी तरह प्रशांत किशोर को कुलपति आवास से निकाला।
हॉस्टलों में छापेमारी के लिए निकली पुलिस
प्रशांत किशोर की गाड़ी पर पथराव के बाद पुलिस बल पटना विवि के हॉस्टलों में छापेमारी करने के लिए निकल गई। देर रात तक यह प्रक्रिया चलती रही।
किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया
घटना से पहले एबीवीपी पप्पू वर्मा और एक दैनिक अखबार के संवाददाता को कुलपति आवास के अंदर बुलाया गया। उनकी वार्ता हुई। पीके के साथ मौजूद एक डॉ. उदयकांत मिश्रा भी थे। वो खुद को बिहार आपदा प्रबंधन के सदस्य बता रहे थे। उनका कहना था कि वो पीके के चाचा हैं। वो कुलपति से पटना सायंस कॉलेज में बननेवाले अर्थ क्वेक सेंटर के बारे में बात करने के लिए आए थे। चूंकि पीके को एनआईटी के पास मौजूद एक जाननेवाले जावेद आलम के यहां जाना था। इसलिए वो भी उनके साथ हो लिए। वहीं पीके भी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा उनका कुछ ऐसा ध्येय नहीं था। हम चाचा के साथ आए थे। इतनी छोटी बात को बेवजह तूल दिया जा रहा है। उन्होंने स्वीकार किया उनके गाड़ी से ही उनके चाचा भी आए थे।
धुर विरोधी भी हो गए एक
सुबह तक एक-दूसरे पर कटाक्ष करनेवाले संगठनों में सोमवार शाम को गजब एकता देखने को मिली। एबीवीपी, छात्र जन अधिकार परिषद, एनएसयूआई-हम, वाम पंथी संगठन, आरजेडी सहित पटना विवि छात्र संघ के निर्दलीय उम्मीदवार और उसके समर्थक कुलपति आवास के आगे जमा हो गए और आपस में रणनीति बनाकर कुलपति आवास को घेर लिया। छात्रनेता लवकुश ने कहा कि जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव मे हस्तक्षेप करना बहुत ही निंदनीय है।