पटना :एक करोड़ या अधिक जमा कराने वाले खातों का सर्वे और सर्च शुरू

पटना : नोटबंदी (8 नवंबर, 2016) की घोषणा के बाद राज्य में भी ब्लैक मनी को व्हाइट करने की जुगत में कई लोगों ने अपने अलग-अलग खातों में लाखों-करोड़ों रुपये जमा करा दिये थे. ऐसे लोगों को चिह्नित करके आयकर विभाग ने फिर से इनके खिलाफ सर्च या सर्वे की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस बार 150 ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने अपने एक या अनेक बैंक खातों में एक करोड़ या इससे अधिक रुपये जमा कराये हैं. इसके अंतर्गत पिछले 20 दिनों के दौरान करीब डेढ़ दर्जन व्यापारियों के यहां सर्वे भी किया जा चुका है. सबसे ज्यादा संख्या में पटना में ही सर्वे हुए हैं. इनके पास से औसतन एक करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी सामने आ चुकी है. इसके बाद मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर समेत अन्य शहरों में भी दो-तीन के यहां सर्वे हुए हैं. इसमें नोटबंदी के बाद से अब तक के वैसे सभी संदिग्ध खातों की मॉनीटरिंग की जा रही है, जिनमें निर्धारित सीमा से ज्यादा रुपये जमा कराये गये हैं. हालांकि, नोटबंदी के बाद से अब तक अपने एक या अलग-अलग बैंक खातों में 10 लाख रुपये से ज्यादा रुपये जमा कराने वालों की संख्या करीब 1800 है लेकिन इनमें 150 लोगों के मामले बेहद संदिग्ध हैं. इन्होंने एक करोड़ या इससे ज्यादा रुपये बैंक खातों में जमा किये हैं. इसमें कुछ एक लोगों ने एक करोड़ से तो कम रुपये जमा किये हैं, लेकिन इनका लेन-देन कई स्तर पर संदिग्ध पाया गया है. इस कारण ये भी रडार पर हैं.

अब तक हो चुके 311 सर्वे और 50 से ज्यादा सर्च

वर्ष 2017-18 के दौरान अब तक 311 सर्वे और 50 से ज्यादा सर्च हो चुके हैं. यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की गयी है, जिन्होंने नोटबंदी की घोषणा के बाद से अब तक अपने एक या इससे अधिक बैंक खातों में 10 लाख से ज्यादा रुपये जमा करा दिये हैं. इसमें 150 चुनिंदा लोगों के मामले ज्यादा संदिग्ध पाये गये हैं. पिछले चार महीने के दौरान कई बार नोटिस देकर पैसे जमा कराने का सही स्रोत पूछा जा चुका है लेकिन ये लोग बताने में विफल रहे या जिन्होंने कारण भी बताये वह हर तरह से असंतोषजनक पाये गये. इसके बाद कार्रवाई की जा रही है. करीब 50 लोगों से वसूले जा चुके 100 करोड़ : चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक करीब 50 लोगों के खिलाफ संदिग्ध लेन-देन की वजह से सर्च या छापेमारी की कार्रवाई की जा चुकी है. इनमें अधिकतर लोगों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा होने का प्रमाण मिला था. आयकर विभाग ने 100 करोड़ से ज्यादा जुर्माना के रूप में वसूल लिया है.

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