पटना, 20 अप्रैल । बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री नंदकिषोर यादव ने कहा है कि बिहार में राष्ट्रीय उच्च पथ के निर्माण और विस्तार के लिए केन्द्र सरकार धन लेकर बैठी है लेकिन राज्य सरकार सड़क के लिए जमीन उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल है ।
श्री यादव ने आज यहां कहा कि केन्द्र सरकार ने सन् 2019 तक 2.23 लाख किलो मीटर राजमार्ग का निर्माण कर 65 हजार पात्र बस्तियों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सन् 2015-16 में 6029 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण कराया गया है जो अपने आप में रिकार्ड है। इसका एक बड़ा हिस्सा बिहार के खाते में आया है । चालू वित्तीय वर्ष में 350 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च पथ को दस मीटर चौड़ा करने की योजना है जिस पर लगभग 15 सौ करोड़ रूपये का व्यय संभावित है लेकिन राज्य सरकार इसके लिए जमीन नहीं उपलब्ध करा पा रही है । इसी प्रकार अगले साल बिहार में 750 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च पथ का निर्माण किया जाना है । भारत-नेपाल की सीमा पर पष्चिम चम्पारण में उत्तर प्रदेष की सीमा से सटे मदनपुर से पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया होते हुए किषनगंज के गलगलिया तक राष्ट्रीय उच्च पथ के निर्माण में 359 किलोमीटर की दूरी तक भू-खंड उपलब्ध कराने में राज्य सरकार अब तक विफल है ।
श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस के साथ गलबहिया कर सत्ता में बने रहने की ख्वाहिष वाले मुख्यमंत्री नीतीष कुमार जी को मालूम होना चाहिए कि कांग्रेसनीत यूपीए की केन्द्र सरकार के 2012-14 के कार्यकाल में प्रतिदिन 8.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण ही हो पाता था लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी के प्रभावषाली नेतृत्व में केन्द्र की एनडीए सरकार के गठन होते ही 2015-16 में निर्माण की गति 12 किलोमीटर प्रतिदिन के दर से हो गयी है। किसी भी प्रान्त के आर्थिक विकास के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी आवष्यक है लेकिन राज्य सरकार राजमार्गों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा पा रही है जिससे योजनाएं आधी-अधूरी स्थिति में पड़ी है ।