नीतीश ने 20 मई को सीएम पोस्ट से हटने के बाद आज पहली बार अपने आवास पर पार्टी विधायकों और सांसदों की मीटिंग बुलाई है। उनकी मीटिंग का मकसद जीतन राम मांझी सरकार के परफॉर्मेंस पर फीडबैक लेना है। मांझी सरकार के बारे में ज्यादातर का मानना है कि वह उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई है।
नीतीश ने लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी जेडीयू को मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश ने अपनी जगह मांझी को यह कहकर सीएम बनाया कि वह समाज के सबसे कम सशक्त तबके, महादलितों को सशक्त बनाने के प्रॉजेक्ट को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन मांझी के काम करने के तौर-तरीकों और उनकी बयानबाजी से पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। नीतीश को भी इस बात से दिक्कत हो सकती है कि मांझी उनके नॉमिनी के रूप में नहीं, बल्कि खुदमुख्तार लीडर के रूप में काम करने के संकेत देने लगे हैं।