मीसा भारती की कम्पनी के गिरफ्तार सीए राजेष अग्रवाल की डायरी के हवाले से एक चैनल ने खुलासा किया है कि लालू प्रसाद जब रेलमंत्री थे तो 8 हजार करोड़ की मनी लाउंड्रिंग के आरोप में जेल में बंद वीरेन्द्र जैन व सुरेन्द्र जैन की कम्पनियों के जरिए मिषेल पैकर्स प्रा. लि. को बेनामी 60 लाख रुपये दिए गए थे। नीतीश कुमार अब यह तय करें कि भ्रष्टाचार में आंकठ डूबे लोगों के साथ कब तक खड़े रहेंगे और क्या इन भ्रष्टाचारियों के साथ रह कर भ्रष्टाचार पर अंकुष लगा पायेंगे?
अब तक सार्वजनिक हुए दस्तावेजों के अनुसार जैन बंधुओं की कम्पनी षालिनी होल्डिंग, मणिमाला और एड फिन कैपिटल ने मीसा भारती की कम्पनी को जहां 60 लाख रुपये दिए वहीं उनकी बंद पड़ी कम्पनी के 10 रुपये के षेयर को 100 रुपये में खरीद कर उन्हें 1.20 करोड़ का फायदा पहुंचाया। इस कालेधन से ही दिल्ली के पॉष कालोनी बिजवासन में 26 न. पालम फार्म हाउस खरीदा गया तथा 11 महीने के भीतर ही मिषेल पैकर्स ने अपने सभी षेयर पुनः 10 में खरीद लिया। गिरफ्तार सीए की डायरी के खुलासे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि किस तरह से काले धन को सफेद किया गया।
बेनामी सम्पति का यह खेल चारा घोटाले से भी बड़ा है। इसमें सम्पति जब्ती के साथ ही 7 साल की सजा का प्रावधान है। दरअसल नीतीश कुमार के लिए यह अग्निपरीक्षा का दौर हैं। आज के खुलासे के बाद अब उन्हें अपनी चुप्पी तोड़ देनी चाहिए।
नीतीश कुमार के लिए अग्निपरीक्षा का दौर हैं- पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी
