पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मो. शहाबुद्दीन जैसे दुर्दांत डाॅन को अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति में रखने वाले लालू प्रसाद हत्या के एक मामले में सजायफ्ता हुए प्रभुनाथ सिंह को भला पार्टी से क्यों निकालेंगे ? प्रभुनाथ सिंह तो लालू प्रसाद के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी करीबी रहे हैं जिन्हें वर्षों तक जदयू संसदीय दल का नेता बना कर रखा गया था। बिहार में सुशासन की सरकार तो शहाबुद्दीन, प्रभुनाथ, राॅकी, सुरेन्द्र और राजबल्लभ जैसे लोगों के कंघों पर ही टिकी हुई है।
सुशील मोदी ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि लालू प्रसाद बयान दे रहे हैं कि इनकम टैक्स की छापेमारी कहीं हुई नहीं, झूठा प्रचार किया जा रहा है। अगर छापेमारी नही हुई ंतो फिर राजद के गुंडों ने बौखला कर लाठी, पत्थर और शराब की खाली बोतलों से भाजपा के कार्यालय पर हमला क्यों किया | वहीं नीतीश कुमार कह रहे हैं कि कहां छापेमारी हुई, कहीं दिखाई तो पडा़ नहीं यानी वे आईटी वालों को आमंत्रित कर रहे हैं कि लालू जी की अधिसंख्य सम्पति तो बिहार में है, अगर पटना तथा 10 सर्कुलर रोड में छापेमारी हो तब तो यहां के लोगों को पता चलेगा।
उन्होने कहा कि लालू प्रसाद ठीक कह रहे हैं कि प्रेमचन्द गुप्ता तो बिना पैसे के एक धुर जमीन नहीं देते हैं। प्रेमचन्द गुप्ता ने लालू प्रसाद को पटना में जो 200 करोड़ की जमीन दी जिस पर बिहार का सबसे बड़ा माॅल बन रहा है के एवज में पांच बार सांसद और पांच साल तक केन्द्र में मंत्री रह कर प्रेमचन्द गुप्ता ने क्या उसकी कीमत नहीं वसूल ली है ? क्या इसी प्रकार विभिन्न फर्जी कम्पनियों के जरिए अरबों की सम्पति लालू परिवार को दिला कर प्रेमचन्द गुप्ता ने हिसाब बराबर नहीं कर दिया है ?
विज्ञापन