पटना : दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर गाजीपुर में किसानों और पुलिस के बीच भारी संघर्ष देखने को मिला. हजारों किसानों का हुजूम दिल्ली में प्रवेश न करे इसके लिए दिल्ली पुलिस ने भारी बल का प्रयोग किया. किसानों पर पानी की बौछारें की गयी और आंसू गैस के गोले छोड़े गये. इस दौरान कई किसान जख्मी हो गये. वहीं, किसानों पर हुए इस बल प्रयोग पर बिहार विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने निंदा की है. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा- ”किसानों की मांगों का राजद पूर्ण समर्थन करती है. चाय वाले पूंजीपति की सरकार द्वारा अन्नदाताओं को दिल्ली आने से रोका जा रहा है वहीं ठगों और लुटेरों को देश का लाखों करोड़ लुटवाकर सम्मान विदेश भेजा जा रहा है. किसानों के साथ ऐसा सलूक बर्दाश्त नहीं होगा.” वहीं, एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने कहा- ”मोदी सरकार ने भी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कूड़े में फेंक किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है. मोदी जी, माना किसान पूंजीपतियों की तरह आपकी जेबें नहीं भर सकते लेकिन कम से कम उनके सिर पर डंडे तो मत मरवाइए. अगर आपने गरीबी देखी होती तो किसानों पर इतने ज़ुल्म नहीं करते.” गौरतलब हो कि कृषि ऋण छूट, ईंधन के दामों में कमी जैसी अनेक मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया. मंगलवार को उन्हें बैरिकेड लगाकर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर रोका गया. दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर मंगलवार को अफरा-तफरी का माहौल रहा जहां राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की कोशिश कर रहे हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने डेरा डाल दिया है. इससे पहले पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े जिस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. किसानों को प्रदर्शन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश में सरकार ने घोषणा की कि मुख्यमंत्रियों की एक समिति उनकी मांगों पर विचार करेगी, लेकिन प्रदर्शनकारी जमे रहे और उन्होंने कहा कि वे आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से बातचीत की जिसके बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर विचार किये जाने का भरोसा दिलाया. विरोध प्रदर्शन का आह्वान करनेवाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, हम इस पर बातचीत करेंगे और आगे के रुख को तय करेंगे. मैं अकेले कोई फैसला नहीं कर सकता. हमारी समित फैसला करेगी. कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कुछ जवानों ने उन पर लाठीचार्ज भी किया. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया. दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है. आरएसएफ समेत अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के अलावा दिल्ली पुलिस के करीब 2500 जवानों को तैनात किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले बताया था कि ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों में लदकर आये किसानों ने उत्तर प्रदेश पुलिस के बैरिकेडों को तोड़कर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाये गये अवरोधकों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया. पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की तेज बौछारें छोड़नी पड़ीं. नारेबाजी कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. किसानों की मुख्य मांगों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करना, 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों के इस्तेमाल पर लगायी गयी रोक हटाना, गन्नों की खरीद का लंबित भुगतान करना आदि शामिल हैं.
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