(पंकज कुमार श्रीवास्तव) विधानसभा चुनाव में पीडीपी के बाद दूसरे पायदान पर खडी भाजपा जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने में पूरी ताकत से लगी है। ये बात और है कि जम्मू में जहाँ बीजेपी को 23% वोट मिला वही मुस्लिम बहुल घाटी में महज 1 % ही वोट मिला। बहरहाल ये भाजपा के साथ राज्य और देश के लिए बेहतर संकेत है। इस राज्य में चाहे किसी भी दल की सरकार बने उसमें भाजपा का होना लगभग तय माना जा रहा है। सरकार में उसकी मौजूदगी ही आतंकियों और पाकिस्तान समर्थक चरमपंथियों में खौप पैदा करने के लिए काफी होगी। आये दिन सीमा पर पाक फायरिंग एवं घुसपैठ में भी कमी आने की सम्भावना है। साथ ही इस राज्य को देश की मुख्यधारा में जुडने, केंद्र में मौजूद भाजपा से आर्थिक एवं विकाश योजनाओं का लाभ उठाने का बेहतर मौका मिलने की भी सम्भावना बनेगी। पीडीपी के साथ गठबंधन बनता है तो धारा 144 का विरोध करने वाली इस पार्टी का घाटी में वजूद पर ही प्रश्नचिन्ह खडा हो जायेगा। नेशनल कन्फ्रेस के साथ गठबंधन की दशा में इसके दोहरे चरिञ पर यहाँ प्रश्नचिन्ह खडा होगा। मतलब हर-हाल में भाजपा को लाभ।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा को खोने के लिए कुछ भी नहीं,पाने के लिए सबकुछ।
