नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सबसे हिट सोशल स्कीम जन-धन योजना को नए नजरिए से देख रहे हैं। इसके तहत उनका टारगेट महिलाएं है। इसके लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री ने पहली बार जन-धन अकाउंट होल्डर्स का लिंग के आधार पर डाटा तैयार किया है। जिसके जरिए सरकार महिलाओं पर खास तरह से फोकस करेगी। डाटा के अनुसार जन-धन स्कीम के तहत खुले अकाउंट में महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी से ज्यादा है। सरकार की कोशिश है कि इस नए डाटा के जरिए वह बेहतर तरीके से महिलाओं के संबंध में स्कीम बनाने में टारगेट कर सके।
पहली बार सरकार ने महिलाओं के आधार पर तैयार किया टारगेट
साल 2014 में शुरू हुई जनधन स्कीम के लागू होने के तीन साल बाद पहली बार महिलाओं के आधार पर डाटा तैयार किया है। जिसके तहत राज्यों के आधार पर डिटेल तैयार की गई है। सरकार की कोशिश है कि महिलाओं के आधार पर अलग से डाटा तैयार किया जाए। जिससे कि दूसरी सोशल स्कीम की बेहतर मॉनीटरिंग की जा सके, साथ ही नई स्कीम भी बनाई जा सके।
18 करोड़ अकाउंट होल्डर्स महिलाएं
फाइनेंस मिनिस्ट्री से मिले डाटा के अनुसार देश में जनधन स्कीम के तहत 30 करोड़ से ज्यादा अकाउंट 2017 तक खोले गए हैं। इसमें करीब 72 हजार करोड़ रुपए डिपॉजिट किए गए हैं। कुल खुले 30.84 करोड़ अकाउंट में से 16.28 करोड़ अकाउंट होल्डर्स महिलाएं है। जिन्होंने ग्रामीण और शहरी इलाकों में अकाउंट खोले हैं। सरकार की नजर इन 16 करोड़ महिला अकाउंट होल्डर्स पर है।
सबसे ज्यादा यूपी-बिहार में महिलाओं के अकाउंट
रिपोर्ट के अनुसार जनधन स्कीम के तहत महिलाओं के 16 करोड़ अकाउंट खोले गए हैं। उसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार की महिलाओं के अकाउंट हैं। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में करीब 2.44 करोड़ महिलाओं के अकाउंट खोले गए हैं। बिहार में 1.76 करोड़ महिलाओं के अकाउंट खुले हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं के अकाउंट खोले गए हैं।
सोशल सिक्युरिटी कवरेज बढ़ाना चाहती है सरकार
जनधन स्कीम के तहत अकाउंट होल्डर्स को एक लाख रुपए का एक्सीडेंट इन्श्योरेंस कवर मिलता है। इसके अलावा शर्तों के आधार पर 30 हजार रुपए का लाइफ इन्श्योरेंस कवर भी मिलता है। साथ ही अकाउंट होल्डर्स को 5000 रुपए की ओवरड्रॉफ्ट सुविधा भी मिलती है। सरकार की कोशिश है कि सोशल सिक्युरिटी स्कीम का ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मिले। इसके लिए दूसरी किस तरह की स्कीम जैसे हेल्थ इन्श्योरेंस स्कीम का भी दायरा बढ़ाया जा सके।