बिहारी कहलाना स्वाभिमान की बात है – ई. प्रेम कुमार चौधरी
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि सबका एक समान विकास होना चाहिए। एक गांव विकास का मॉडल क्यों बने, सभी गांव विकास का मॉडल हो। उन्होंने कहा कि उनके लिए विकास का मतलब होता है न्याय के साथ विकास। हरेक का सामान विकास होना चाहिए। इन्हीं सपनों को आम जनमानस के पटल पर आवाज पहुंचाने के लिए आज अपने बाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ इंजीनियर प्रेम कुमार चौधरी आज जनता दल यूनाइटेड का दामन आरसीपी प्रसाद के समक्ष थामा और आने वाले लोकसभा चुनाव में बाल्मीकि नगर एवं पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन और विकास के एजेंडे को लोगों घर-घर तक पहुंचाएंगे।
श्री चौधरी पूर्व में भी गरीब बच्चों के रोजगार एवं उनको शिक्षित करने के लिए तन मन धन से मदद करते रहे हैं और देश की राजधानी दिल्ली में अभी बिहार से आए सभी मरीजों एवं बेसहारा लोगो के लिए हर संभव मदद करते रहते हैं अपने बाल्मीकि नगर क्षेत्र में भी शिक्षित समाज का सपना पूरा करने के लिए दिन रात एक किए रहते हैं श्री चौधरी आईआईटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सॉफ्टवेयर निर्माण के क्षेत्र में अपना सफलतापूर्वक झंडा गाड़ चुके हैं पूरे पश्चिम चंपारण के विकास के लिए इन्होंने ग्रामीण स्तर पर कई कमेटियां बनाई है जिसके माध्यम से समाज सेवा के क्षेत्र में लोगों को फायदा पहुंचाते हैं आज एक आम कार्यकर्ता के रूप में जदयू में शामिल होकर अपने आपको काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
बचपन से ही समाज के सभी वर्गों की सेवा करने की इच्छा रही है
वही ई. प्रेम कुमार चौधरी जी ने कहा कि अब तक वे एक व्यवसाय के साथ – साथ सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं। बचपन से ही समाज के सभी वर्गों की सेवा करने की इच्छा रही है। लेकिन आज यह पहला मौका है, जब किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कार्यों से प्रेरित हैं और यही वजह है कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और निर्णय लिया है कि वे नीतीश कुमार के जनहित के कार्यों में एक सिपाही की तरह सहयोग करेंगे। साथ ही सरकार की योजनाओं को गरीबों तक पहुंचायेंगे, चाहे वो सवर्ण गरीब हो या दलित। मास लेवल पर लोगों की सेवा करने के लिए कोई न कोई राजनीतिक दल के साथ जुड़ना जरूरी है, इसलिए नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में काम करने के लिए राजनीति में शामिल हो रहे हैं। पहले बिहारी कहना अपमान समझा जाता था, मगर नीतीश कुमार की वजह से आज बिहारी कहलाना स्वाभिमान की बात है। चुनाव लड़ना या पद पाना उनका लक्ष्य नहीं है। वे नीतीश कुमार के आदर्श एवं आदेशों का पालन करेंगे।