जदयू विधायक सुनील पांडे गिरफ्तार

bihar patrika(पंकज कुमार श्रीवास्तव )पटना जदयू विधायक सुनील पांडेय को भोजपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनपर आरोप है कि उन्होंने आरा कोर्ट में कुछ महीने पहले हुए ब्लास्ट के आरोपी लंबू शर्मा को भागने और छिपने में मदद की थी। पांडेय को आरा एसपी ने उन्हें इस मामले पूछताछ के लिए अपने कार्यालय बुलाया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। खबर है लंबू यूपी के विवादित नेता मुख्तार अंसारी की हत्या की साजिश रच रहा था।
गिरफ्तारी के तुरन्त बाद भोजपुर पुलिस ने रिमांड पर लेकर सुनील पांडे से पूछताछ की। बताते चलें पिछले दिनों दिल्ली में गिरफ्तार किए गए लंबू शर्मा पूछताछ के दरम्यान अपने मददगार के तौर पर विधायक सुनील पांडेय का नाम लिया था। बाद में लंबू को भोजपुर पुलिस ने अपने रिमांड पर लेकर लंबी पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में पुलिस को विधायक सुनील पांडेय के खिलाफ ठोस सबूत मिले, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस बात कि जानकारी भोजपुर एसपी नवीन चंद्र झा ने दी।
पाठकों को बताते चलें लंबू शर्मा भोजपुर जिले के पीरो थाने के गांधी चौक इलाके का रहने वाला है। उसके खिलाफ कई थानों में आधा दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। जनवरी 2015 में लंबू शर्मा और उसके साथी अखिलेश की आरा कोर्ट में पेशी होनी थी। कोर्ट परिसर के अंदर बने हाजत में कैदियों को ले जाने के क्रम में तकरीबन 11.30 बजे हाजत के पास पहुँची एक अज्ञात महिला के थैले में रखे बम का विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में अज्ञात महिला और डियूटी में तैनात एक सिपाही की मौत हो गई। विस्फोट के बाद मचे अफरा-तफरी का फायदा उठा कर लंबू और अखिलेश कोर्ट से फरार हो गए। अखिलेश अब भी फरार ही है। पुलिस ने अपने जाँच में पाया कि लंबू को कोर्ट परिसर से फरार होने में मदद के लिए बलिया की रहने वाली नगीना देवी बम लेकर पहुंची थी और उसे लंबू को वह बम देना था। नगीना देवी ने अपने थैले से बम निकालने जल्दबाजी कर दी थी नजीता ये विस्फोट हो गया।
पुलिस के अनुसार लंबू इसके बाद मुख्तार अंसारी की हत्या की योजना बना रहा था। बताते चले यूपी के गाजीपुर के रहने वाले मुख्तार अंसारी अभी मऊ से विधायक और आपराधिक छवि के राजनेता हैं। लंबू अपने सहयोगी चांद मियां के कहने पर नवबंर,2014 में मुख्तार अंसारी के हत्या की योजना बनाई थी। योजना के अनुसार हत्या की तारीख 29 जून,2015 रखी गई और इस काम को पूरा करने की कीमत भी 6 करोड़ तय हो गई थी। सौदा तय होने के बाद ही वो कोर्ट में बम विस्फोट कराकर फरार हो गया। कोर्ट से फरार होने पर चांद मियां ने उसकी पहली मुलाकात वाराणसी रेलवे स्टेशन के प्लैटफार्म नंबर दो पर हुई। यही चांद मियां ने लंबू को पैसा दिए और कुछ दिन के लिए अंडरग्राउंड होने की सलाह भी,फिर दोनों की अगली मुलाकात पंजाब के लुधियाना में हुई। पुलिस के अनुसार लुधियाना में ही लंबू ने मुख्तार अंसारी की हत्या के लिए बम बनाया था। इसके बाद चांद लंबू को लेकर यूपी के आगरा जेल पहुंचा जहाँ बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी से भेंट कराया। यहाँ चांद ने मुख्तार अंसारी से लंबू का परिचय बम उस्ताद के रूप में कराया। लंबू अपनी योजना को अंतिम रूप देने से पहले पैसा लेने दिल्ली आया था। दिल्ली में वह राज्यसभा के एक सदस्य के घर पर रुका। इसी दौरान दिल्ली पुलिस ने उसे 23 जून को गिरफ्तार कर लिया।

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