बिहार में सत्ता परिवर्तन के अटकलों के बीच जीतन राम मांझी ने रविवार को राज्य के दलित और अनुसूचित जनजाति के आईएएस, आईपीएस और बिहार राज्य सिविल सेवा के अधिकारियों के साथ गुप्त मीटिंग की। इस मीटिंग के बारे में जब मांझी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘वह सीक्रेट मीटिंग थी।’ इस मीटिंग में 200 से ज्यादा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। खबर है मांझी खुद को बिहार के सबसे बड़े दलित नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करने की योजना को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।दूसरी ओर, जेडीयू के वरिष्ठ नेता के हवाले से मीडिया में खबर आई है कि लालू यादव की आरजेडी के साथ विलय से पहले ही जेडीयू दो टुकडो में बट सकता है। 18 जनवरी को बिहार में बड़ी रैली होनी है, जिसमें नीतीश और लालू बड़े एलान कर सकते हैं। बिहार में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने उस फैसले पर पछता रहे हैं, जिसमें उन्होंने मांझी को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया था। नीतीश के इस बदले रुख से मांझी नाराज हैं और पार्टी के दलित और पिछड़े नेताओं को अपने साथ लामबंद कर रहे हैं।
जदयूूूू विभाजन के कगार पर जीतन राम मांझी नीतीश के रीमोट कंट्रोल से बाहर
