जोधपुर : राजस्थान उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को वर्ष 1998 में जोधपुर में चिंकारा के शिकार संबंधी दो मामलों में आज बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि चिंकारा से मिली गोलियां सलमान की लाइसेंसी बंदूक से नहीं चलाई गई थीं.
फैसले के दौरान अदालत में ही मौजूद थी. सलमान को बरी किये जाने की खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी. वहीं सलमान के पिता सलीम खान ने एक टीवी चैनल से कहा,’ मैं इस मामले पर कुछ नहीं कहूंगा, मैं पिछले 15 सालों से चुप था अब भी चुप रहूंगा.’
सलमान के वकील हस्तीमल ने कहा,’ सलमान के खिलाफ दो मामले दर्ज थे. कोर्ट ने दोनों ही मामलों को गलत पाया और उन्हें बरी कर दिया. उन्होंने कई केस लड़े हैं. मैंने लोगों को हमेशा टेंशन में देखा है लेकिन सलमान को कभी टेंशन में नहीं देखा.’
उन्होंने आगे कहा,’ शायद सलमान इस बात को जानते थे कि उनके खिलाफ गलत मामला चल रहा है. हमने कोर्ट में साबित किया कि जिन सबूतों का उनके खिलाफ जिक्र किया जा रहा है वे सभी फर्जी हैं. जो चाकू जब्त किया गया था वह नया था और छोटा भी.’
सलमान और उनके सह अभिनेताओं ने कथित शिकार पर जाने के लिए जसि जीप का इस्तेमाल किया था, उसका चालक लापता है जसिके कारण फिल्म अभिनेता के खिलाफ अभियोजन का पक्ष कमजोर हो गया था.
इस विलुप्तप्राय जीव को वर्ष 1998 में गोली मारने के मामले में 50 वर्षीय सलमान खान वर्ष 2007 में करीब एक सप्ताह जेल में रहे थे.
भवाद और मथानिया में चिंकारा के शिकार संबंधी दो मामलों में सजा के खिलाफ सलमान की याचिका को उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया था. अदालत ने उन्हें दोनों मामलों में बरी कर दिया.
न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने अभिनेता के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी.
सलमान खान के खिलाफ 26-27 सितंबर, 1998 में भवाद गांव में दो चिंकारा और 28-29 सितंबर, 1998 में मथानिया (घोडा फार्म) में एक चिंकारा के शिकार के संबंध में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 51 के तहत मामले दर्ज किए गए थे.
निचली अदालत (सीजेएम) ने उन्हें दोनों मामलों में दोषी ठहराते हुए 17 फरवरी 2006 को एक साल और 10 अप्रैल, 2006 को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी.