पत्रकार वार्ता में कहा – बिहार को है नये जनादेश की जरूरत, नेता बन गए हैं डिजास्टर
पटना:- जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की।
इस दौरान श्री यादव ने उन्हें ज्ञापन के माध्यम से चमकी बुखार व लू से सैकड़ों लोगों एवं मासूम बच्चों की मौत में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, जागरूकता अभियान में कमी, आधारभूत संरचना के साथ – साथ डॉक्टरों – नर्सों एवं दवाईयों में कमी, ईलाज में कोताही और राज्य व केंद्र सरकार की नियत और नीतियों में कमी की ओर ध्यान आकृष्ट कराया और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल में पप्पू यादव के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुपति सिंह, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद, प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद्र सिंह, राघवेंद्र सिंह कुशवाहा और राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू शामिल थे।
पिछले 10 सालों में चमकी बुखार से हजारों मासूमों की जान जा रही है
इस दौरान करीब एक घंटे तक चली मुलाकात के बाद महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन ने उक्त मामलों में जाप (लो) के प्रतिनिधियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि प्रधानमंत्री और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले पर गंभीरता दिखाइए है। रिपोर्ट आ जाने पर हम इस पर संज्ञान लेंगे।
इससे पहले पप्पू यादव ने कहा कि मुजफ्फरपुर, वैशाली समेत राज्य के विभिन्न जिलों में पिछले 10 सालों में चमकी बुखार से हजारों मासूमों की जान जाती रही है। हर साल गर्मी के मौसम में हुई मौत को लीची खाने से हुई मौत बता कर इस पर पर्दा डाल दिया जाता है। जबकि पिछले 100 सालों से मुजफ्फरपुर ही नहीं, अन्य जगहों पर लीची खाई जाती रही है।
लेकिन अन्य जगहों पर इससे बीमारी की बात सामने नहीं आई। क्या कारण है कि मरने वाले बच्चों में अधिकतर दलित, अतिपिछड़े और गरीब वर्ग के बच्चे होते हैं और ये बच्चे कुपोषण और भूखमरी के शिकार हैं। सरकार ने इस मानव जनित बीमारी को अपनी लापरवाही से प्रकृति पर निर्भर रहने वाली नियती बना उसका इंतजार करते हैं, जो किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है।
पप्पू यादव ने कहा कि ये डिजास्टर पैदा किया गया है। इस पर कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए। उपर से नीची तक जो भी इसमें संलिप्त है, उन पर कार्रवाई हो। केजीरवाल अस्पताल की मान्यता रद्द हो, क्योंकि बीते दिनों वहां डॉक्टरों द्वार पत्रकारों और आम लोगों की जमकर पिटाई कराई गई थी।
स्वास्थ्य विभाग को नौ हजार करोड़ का बजट मिलता
इसके अलावा बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदारी तय है। सत्ता और विपक्ष के समय में बच्चों की मौतें हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जितने प्राइवेट नर्सिंग होम है, उसे हायर कर बीमार से इलाज कराये। या बोइिंग प्लेन से इनका इलाज हो, ताकि बच्चों के मौत का सिलसिला रूके। ये मामला कुपोषण का है, और व्यवस्था के द्वारा पैदा किया गया है।
हमने महामहिम से दरभंगा और समस्तीपुर के अस्पतालों की बदहाली को भी सामने रखा है। हमने उनसे मुजफ्फरपुर में पाये गए नरकंकाल को लेकर उन्हें बताया कि वे नरकंकाल मुख्यमंत्री के जाने से पहले के थे। हमने उनके समक्ष वन नेशन – वन हेल्थ – वन एजुकेशन की भी बात उठाई। हमने 23 जिलों में व्याप्त जलसंकट और बिहार के लॉ एंड ऑर्डर की बदहाल स्थिति से भी अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि बिहार में सत्ता और विपक्ष खत्म हो गया है। ऐसे में बिहार की जनता कहां जायेगी। आज बिहार के नेता डिजास्टर हैं। इससे बिहार की जनता को बचाने की मांग की। पप्पू यादव ने बिहार में नये सिरे से चुनाव की मांग की और कहा कि लगभग सत्ता और विपक्ष मृतप्राय हो चुके हैं।
ये बिहार के लिए नासूर बन चुके हैं, इसलिए नये जनादेश की जरूरत है। उन्होंने पूछा कि विधान सभा में कभी राजनीति के अलावा सकारात्मक बहस होगी। बजट सेशन में भी सिर्फ औपचारिकता होती है। दो लाख तीन करोड़ का बजट पेश करते हैं। स्वास्थ्य विभाग को नौ हजार करोड़ का बजट मिलता है और उसका भी बदंरबांट हो जाता है।
उन्होंने तेजस्वी यादव को लेकर कहा कि इन लोगों ने लालू यादव को समाप्त करने का काम किेया। समाज में जो उनकी स्वीकार्यता थी, इन लोगों ने उसे भी खत्म करने का काम किया। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं कोई बार गेम प्लान चल रहा है, जो आगे देखने को मिलेगा।
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