गोपालगंज में बाढ़ का बढ़ा खतरा, तटबंध की रक्षा के लिए SP-DM ढो रहे बालू की बोरी

टोपी पहने डीएम और हरा टी शर्ट पहने एसपी बालू की बोरी ले जाते।

टोपी पहने डीएम और हरा टी शर्ट पहने एसपी बालू की बोरी ले जाते।
टोपी पहने डीएम और हरा टी शर्ट पहने एसपी बालू की बोरी ले जाते।

अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट।

 

पटना. बिहार में बाढ़ ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है। बाढ़ के कहर से गोपालगंज समेत सीवान और छपरा को बचाने के लिए गोपालगंज के डीएम- एसपी ने स्वंय पहल किया। तटबंध तक बालू ले जाने में मजदूर कम पड़ने पर जिले के एसपी और डीएम स्वंय बालू की बोरी उठाना शुरु कर दिए। गोपालगंज में स्थित तटबंध का पहला गेट टूट जाने के कारण पांच पंचायत के चार दर्जन से ज्यादा गांव पानी पानी हो गया है। क्या है मामला…

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गोपालगंज के बरौली के सि कटिया और परसौनी का जमीदारी बांध का पहला गेट गंडक के दबाव की वजह से टूट गया है। इससे गोपालगंज में बाढ़ ने रौद्र रूप धारण कर लिया। जिले के कई गांव में बाढ़ की पानी से बह गए हैं। बाढ़ का कहर और भयावह नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पहल शुरु कर दिया गया है। जिले के एसपी और डीएम ने स्वंय इसकी कमान संभाल लिया है। ये लोग तटबंध का दूसरा गेट नहीं टूटे इसके लिए मजदूरों के साथ साथ स्वंय भी बालू की बोरी तटबंध तक लेकर पहुंचा रहे हैं।

तटबंध को बचाने में जुटे लोग
गंडक नदी की कहर से रिंग बांध के टूटने से सारण के बांध पर दबाव बढ़ गया है। इस बांध को बचाने के लिए यहां के लोग स्वंय अपने स्तर से पहल शुरु कर दिया है। बड़ी संख्या में लोग अपने से बालू की बोरी लेकर तटबंध तक पहुंच रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर ये बांध टूट गया तो गोपालगंज के साथ साथ सीवान और छपरा भी पानी पानी हो जायेगा।

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