॰अनुप नारायण सिंह की रिर्पोट
गुरुवार की शाम गोपालगंज के बंगरा में टूटे सारण तटबन्ध से तबाही का मंजर शनिवार को पानापुर वासियो पर कहर बनकर टूट पड़ा है। प्रखण्ड के बेलौर ,सतजोड़ा, टोटहा जगतपुर और धेनुकी पंचायत जहाँ पूरी तरह जलमग्न हो गए वही मड़वा बसहिया और महम्मदपुर पंचायत के कुछ क्षेत्रो को भी बाढ़ के पानी ने आगोश में ले लिया। पानी की धारा इतनी न तेज है कि देर रात तक लगभग पूरा पानापुर जलमग्न हो जायेगा। बाढ़ की विभीषिका झेल रहे कुछ ग्रामीणों ने बताया कि 2001 और 2002 में आयी बाढ़ से भी इस बार पानी ज्यादा है। लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में बदहवाश होकर भाग रहे है और पूरे प्रखण्ड में अफरातफरी का माहौल है .एनडीआरएफ की टीम ने 70 परिवारो को बचाया .प्रखण्ड के सेमराहा ,बेतौरा ,सिंगाही ,पीपरा आदि गांवो में बाढ़ में फंसे डेढ़ सौ परिवारो में से 70 परिवारो को एनडीआरएफ की टीम से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया है जबकि शेष फंसे लोगो को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम द्वारा प्रयास जारी है। ये सभी लोग गुरुवार की रात से ही बाढ़ के पानी में घिरे थे .बीडीओ पर बिफरे पूर्व विधायक। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो के निरीक्षण को निकले पूर्व विधायक जनक सिंह बाढ़ पीडितो के लिए बनाये गये राहत शिविरो की बदइंतजामी देखकर भड़क गए और बीडीओ को जमकर फटकार लगायी। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितो की मदद में किसी भी पदाधिकारी और कर्मचारी द्वारा लापरवाही की जाती है तो उन्हें बख्शा नही जायेगा। हालांकि कुछ ही देर बाद इन राहत शिविरो में सुधार देखा गया। बीडीओ ने बाढ़ पीडितो की शिकायत के बाद बेलौर पंचायत में अतिरिक्त नाव उपलब्ध कराया।
आधे क्षेत्र बाढ़ में डूबे
बाढ़ में फंसे 70 परिवारो को एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया
गोपालगंज के बंगरा में टूटे सारण तटबन्ध से तबाही का मंजर शुक्रवार को पानापुर वासियो पर कहर बनकर टूट पड़ा है। पानापुर प्रखण्ड के बेलौर ,सतजोड़ा ,टोटहा जगतपुर और धेनुकी पंचायत जहाँ पूरी तरह जलमग्न हो गए वही मड़वा बसहिया और महम्मदपुर पंचायत के कुछ क्षेत्रो को भी बाढ़ के पानी ने आगोश में ले लिया। पानी की धारा इतनी न तेज है कि देर रात तक लगभग पूरा पानापुर जलमग्न हो जायेगा। बाढ़ की विभीषिका झेल रहे कुछ ग्रामीणों ने बताया कि 2001 और 2002 में आयी बाढ़ से भी इस बार पानी ज्यादा है। लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में बदहवाश होकर भाग रहे है और पूरे प्रखण्ड में अफरातफरी का माहौल है .एनडीआरएफ की टीम ने 70 परिवारो को बचाया .प्रखण्ड के सेमराहा ,बेतौरा ,सिंगाही ,पीपरा आदि गांवो में बाढ़ में फंसे डेढ़ सौ परिवारो में से 70 परिवारो को एनडीआरएफ की टीम से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया है जबकि शेष फंसे लोगो को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम द्वारा प्रयास जारी है। ये सभी लोग गुरुवार की रात से ही बाढ़ के पानी में घिरे थे .
बीडीओ पर बिफरे पूर्व विधायक
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो के निरीक्षण को निकले पूर्व विधायक जनक सिंह बाढ़ पीडितो के लिए बनाये गये राहत शिविरो की बदइंतजामी देखकर भड़क गए और बीडीओ को जमकर फटकार लगायी। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितो की मदद में किसी भी पदाधिकारी और कर्मचारी द्वारा लापरवाही की जाती है तो उन्हें बख्शा नही जायेगा। हालांकि कुछ ही देर बाद इन राहत शिविरो में सुधार देखा गया। बीडीओ ने बाढ़ पीडितो की शिकायत के बाद बेलौर पंचायत में अतिरिक्त नाव उपलब्ध कराया।तरैया प्रखंड के और दो गाँवो में मचाया कोहराम बाढ़ ने गंडक नदी में आये उफान से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे प्रखण्ड के दर्जनों गाँवो के बाद और दो गाँव मौलनापुर और भटगाई में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया।जिससे लोगो की परेशानी बढ़ गई है।चंचलिया,बनिया हसनपुर,भलुआ शंकरडीह,माधोपुर बड़ा, सगुनी,जिमदहा,हरपुर फरीदन गाँव बाढ़ से अधिक प्रभावित है।इन गांवों के लोगो का जनजीवन अस्त व्यस्त ही गया है।सरकारी सहायता के नाम पर प्रति परिवार दो किलोग्राम चिउरा,गुड़,माचिस व मोमबत्ती मिल रहा है।लेकिन पीड़ितों के मुताबिक वह पर्याप्त नही है।जिससे उनका गुजर बसर हो सके चंचलिया और माधोपुर बड़ा के पीड़ितों का कहना है कि चार दिनों से बाढ़ में फसे है।और एक बार सहायता बाटा है।इससे क्या होगा।
19 स्थानो पर राहत कैम्प
सारण जिला के 6 प्रखंडों के 18 पंचायतों में 73,407 की आबादी बाढ़ प्रभावित है
बाढ़ प्रभावित प्रत्येक प्रखंड में चलंत चिकित्सा दल एवं पशु राहत शिविर गठित एवं कार्यरत – जिलाधिकारी
जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने बताया कि सारण जिला के 6 प्रखंडों यथा पानापुर, तरैया, मशरख, परसा, मकेर एवं दरियापुर के 18 पंचायतो की 73,407 की आबादी बाढ़ प्रभावित है। जिलाधिकारी ने बताया कि पानापुर प्रखंड के बसहियां, सलेमपुर, फतेहपुर, सोनपुर, बसंतपुर, रामरूद्र, पृथ्वीपुर, दो थाना सहित 25 गांव के 48,407 की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। पानापुर मंे रामपुर रूद्र, मठ पर एवं चमरटोली सहित 19 स्थानो पर राहत कैम्प लगाया गया है। अभी तक 2115 पाॅलीथीन एवं 28,000 फूड पैकेट भेजे गये है। 27 नावों का परिचालन हो रहा है। 16.08.2017 को एक बच्चे की मृत्यू की सूचना है। उन्होंने बताया कि तरैया प्रखंड के माधोपुर, चंचलिया, डुमरी एवं पचरौल पंचायत के 13 गांवों में 12,000 की आबादी बाढ़ प्रभावित है। तरैया प्रखंड में सगुनी उत्क्रमित मध्य विद्यालय एवं चंचलिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय मे राहत कैम्प लगाया गया है। तरैया प्रखंड 960 पाॅलीथीन एवं 2200 फुड पैकेट भेजे गये है। 10 नावों का परिचालन हो रहा है। उन्होंने बताया कि तरैया प्रखंड में 17.08.2017 को विवेक कुमार महतो, पिता प्रमोद कुमार महतो ग्राम राजधानी, पंचायत चंचलिया, अंचल तरैया की मृत्यु बाढ़ के पानी में डूब कर हो चुकी है। मृतक के परिजनों को अनुग्रह अनुदान की राशि दी जा रही है। मशरख प्रखंड के एक पंचायत कर्ण कुदरियां के लखनपुर, सिबरी, ससई एवं कर्ण कुदरियां गांव की 5000 की आबादी बाढ़ प्रभावित है। मशरख में तीन राहत कैम्प चल रहा है।