बिहार प्रदेश निषाद समाज की ओर से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी के पटना स्थित आवास पर बुधवार को मछुआरा समाज की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सहकारिता मंत्री आलोक मेहता, विधायक विद्यासागर सिंह निषाद एवं प्रदेश के सभी 379 मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष-सचिव व मछुआरा समाज के लोग उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे मंत्री मदन सहनी ने कहा कि बिहार में ज्यादातर मछुआरा समुदाय के लोग ही शिकारमाही के पेशे से जुड़े हैं। सरकार द्वारा सभी प्रखंडो के मत्स्यजीवी सहयोग समिति में इस पेशे से जुड़े लोगों को पूर्ण भागीदारी देने का निर्णय लिया गया है। साथ ही मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव में उम्मीदवारों का लगने वाले शुल्क को अनुदानित भी किया जायेगा। सरकार के इस निर्णय के लिए प्रदेश का मछुआरा समाज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं सहकारिता मंत्री आलोक कुमार का आभार प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कई बार कहे है कि बिहार की मछली देश के अन्य राज्यों की थाली में होगी। मत्स्यजीवी सहयोग समिति इसके लिए कृतसंकल्प है, आने वाले समय में बिहार की मछली को देश के हर राज्यों की थाली में होगी।
सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 700 से अधिक सदस्यों वाली मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव में उम्मीदवारों को लगने वाली राशि को अनुदानित करने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा। जिन उम्मीदवारों ने भुगतान कर दिया है, निर्वाचन प्राधिकार के द्वारा उनकी राशि वापस की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार मछुआरों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के प्रति लागातार प्रयासरत है।
प्रदेश से आये मछुआरा समुदाय के लोगों ने मत्स्य सहकारी समिति की नयी नियामली बनाने की मांग रखी, जिसमें मछुआरा समुदाय के सभी उप जातियों को सूचीबद्ध किया जाय, ताकि किसी प्रकार की दुविधा न हो। इस नियमावली से निर्वाचन प्राधिकार को भी अवगत कराया जाय। क्योंकि मत्स्यजीवी सहयोग समिति के बायलॉज के विपरित निर्वाचन प्राधिकार के द्वारा आचरण किया जा रहा है। प्राधिकार के द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मत्स्यजीवी सहयोग समिति में महिलाओं को भी 50 फीसदी आरक्षण दिया गया है, पर इसमें ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि महिलाओं के आरक्षित पद रिक्त रह जाने पर उस जगह पुरूष को अवसर मिल पायेगा या नहीं। इस पर समाज के लोग दुविधा में है। इस पर मंत्री मदन सहनी एवं आलोक मेहता ने कहा कि कुछ कमियां हैं, जिसे जल्द दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन मछुआरा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मणिभूषण निषाद ने किया।
बैठक को पूर्व मंत्री मंत्री रामाश्रय सहनी, मोरवां के विधायक विद्यासागर निषाद, मछुआरा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष विजय सहनी, राष्ट्रीय मल्लाह महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक निषाद, राजद नेता अरविन्द कुमार सहनी, प्रो. शिवशंकर निषाद, जद(यू) प्रवक्ता अरविन्द निषाद, राकेश कुमार निषाद, नरेश सहनी, ओम प्रकाश चौधरी, हरेन्द्र निषाद, अरुण सहनी, अवधेश कुमार निषाद, गणेश कुमार बिन्द, मुन्ना चौधरी, रंजीत सहनी, कृष्णा बिन्द, मनोज निषाद, मुन्ना राही, पिंकी निषाद, अमित कुमार सुमन एवं युवा जद(यू.) के प्रदेश महासचिव उत्कर्ष कुमार ने भी संबोधित किया। छोटे सहनी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।