बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री नंदकिषोर यादव ने कहा है कि खाकी के खौफ के साथ अब धोखाधड़ी करने वाले आर्थिक अपराधियों का न्याय के मंदिर से भी डर-भय समाप्त हो गया है। न्यायालयों के भवन निर्माण में अनियमितता और गड़बड़ी यही बताती है।
श्री यादव ने आज यहां कहा कि जिला न्यायालयों में आधार भूत संरचनाओं और बुनियादी सुविधाओं का निर्माण कार्य आधी अधूरी स्थिति में हैं। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से इसकी मुकम्मल रिपोर्ट मांग कर स्पष्ट कर दिया है कि निर्माण कार्य निर्धारित मानक के अनुसार नहीं हुआ। सभी जिला व्यवहार न्यायालयों में वहां के जिला एवं सत्र न्यायाधीष के परामर्ष से भवन, रैम्प, लिफ्ट, शौचालय, पेयजल केन्द्र, सुरक्षा पोस्ट आदि का निर्माण होना था। लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता से लापरवाह विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ ने ऐसा कुछ नहीं किया । इसके लिए गत वर्ष सरकार की ओर से दी गयी कड़ी हिदायत भी बेअसर रही और जिला व्यवहार न्यायालयों तथा अनुमंडल न्यायालयों में बुनियादी सुविधाओं और आधारभूत संरचनाओं का निर्माण नहीं हो पाया।
श्री यादव ने कहा कि निर्धारित निर्माण मानक के अनुसार प्रवेष और निकास द्वारों पर लोहे के मजबूत बड़े गेट बनाने हैं। यथोचित सीसीटीवी कैमरा नहीं लग पाया है। पार्किंग की व्यवस्था की जानी है और जन सुविधाओं का निर्माण करना है। सरकारी कामकाज की लचर व्यवस्था से असंतुष्ट हाईकोर्ट का निर्माण कार्य की मानिटरिंग करने का निर्णय राज्य सरकार की कार्य प्रणाली पर कड़ा प्रहार है। जब न्याय के मंदिर ही असुरक्षित हो तो आमजनों की सुरक्षा का क्या हाल होगा समझा जा सकता है।