खनन विभाग के नए नियमों ने बढ़ायी मुश्किलें, चालकों ने कहा- काला पानी जैसी है ये सजा

बालू पर बिहटा से अनूप नारायण सिंह की एक्सलूसिव रिपोर्ट

सूबे में बालू को लेकर खनन विभाग द्वारा लगातार बदले जा रहे नियम कानून ने वाहन चालक एवं मालिक हलकान हो गए है। पटना एवं भोजपुर जिले में कारीब सात महीने तक बालू बंदी के बाद सरकार ने पुनः घाटों का ठेका दिया। इस बार खनन विभाग ने जीपीएस एवं इ-लॉक वाले वाहनों से बालू ढोने का निर्देश दिया।पिछले सात महीने से सरकार के इस आदेश का इंतजार कर रहे वाहन मालिक बाजार में 5 से 7 हजार में मिलने वाले जीपीएस को 20 से 25 हजार खर्च कर अपने वाहनों में लगवाया। ताकि अब उनके व्यवसाय में कोई कानूनी अडचन न आए। जीपीएस लगे वाहनों की स्थिति एक–डेढ़ महीने तक ठीक चली।अब एक बार फिर खनन विभाग के अपने कानून में बदलाव कर दिये है। बताया जा रहा है की अब जीपीएस को चालान काटने के बाद कंपनी डीएक्टिवेट कर दे रही है।जिसे पुनः चालान कटवाने के समय कंपनी को मैसेज कर एक्टिवेट करवाना है। होली के बाद शुरू हुये इस नए कानून के कारण ट्रक – ट्रैक्टर चालकों को अपने वाहनों में लोड करने के बाद चालान कटवाने में करीब दो से ढाई दिन कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है।दिन हो या रात खुले आसमान के नीचे कड़े संघर्ष के बाद चालान कट रहा है।

बालू पर पहरा और वाहनों में लगाये गये जीपीएस के नाम पर अवैध वसूली

चालकों ने कहा – काला पानी जैसी है ये सजा

जीपीएस के इस नये पेंच ने चालकों व कंडक्टर की हालत बद से बदतर कर रख दी है।खनन विभाग के इस नये नियम के बाद बिहटा के बिंदौल ,छिलका टोला सहित आया घाटों पर पिछले तीन – चार दिनों से वाहन चालकों की लंबी कतार लगी हुई है।चालान काउंटर पर पहुँचने के बाद उन्हें बताया जा रहा उनका जीपीएस लॉक है।जिसके बाद चालक जीपीएस कंपनी द्वारा तैनात आदमी के पास पहुँचता है।मोबाइल लेकर बगैर किसी व्यवस्था में टहल रहे उस कंपनी के आदमी के पास अपनी गाड़ी के जीपीएस को चेक कराने व मैसेज भेजने के लिए कई लोग मौजूद रहते है।यूँ तो कंपनी ने इन्हें बगैर पैसा के मैसेज भेजकर जीपीएस अनलॉक कराने का निर्देश दे रखा है।लेकिन यहाँ प्रति वाहन 100 से 200 रुपये वसूले जा रहे है।इसके बाद चालान काउंटर पर पिछले चार दिन से परेशान चालकों से अवैध रूप प्रति ट्रक 5सौ और 2 सौ रुपये ट्रैक्टर लेकर चालान काटा जा रहा है।खुलेआम हो रही इस अंधेरगर्दी की सूचना के बावजूद न तो इसे देखने की फिक्र खनन विभाग को है और ना किसी अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी को।अब इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है की मजबूर चालकों और कंडक्टरों की स्थिति क्या होगी।लोगों से मिली इस प्रकार की सूचना पर जब हमने बिहटा के बिंदौल एवं छिलका टोला घाट का दौरा किया।कतार में खड़े चालक गर्मी में बिलबिला रहे थे।चालक संजीत ने कहा की दो दिन से कतार में खड़े है।अभी न जाने और कई घंटे लगेंगे।मोबाइल पर पत्नी के प्रसव पीड़ा शुरू होने की सूचना अभी मिली है।अब मैं क्या करूँ ये सजा तो काला पानी से भी बदतर है।ऐसा ही कहना कई और चालको का था जो अपनी हाल पर परेशान थे।छोटे छिद्र में एक हाथ डालकर घंटों तक इंतजार

छिलका टोला के जिस घाट पर दैनिक भास्कर ने स्थिति को खंगाला तो ट्रक के लिए तीन एवं ट्रैक्टर के लिए एक चालान रूम बनाया गया।जिसमें एक छोटे छिद्र के सामने हाथ लगाकर घंटो तक चालको को इंतजार करना पड़ रहा है।क्यूंकी हाथ निकालने पर किसी दूसरे के द्वारा अपना हाथ डालने का डर है।इस दौरान कतार में पीछे खड़े चालकों द्वारा आगे घुसने की होड़ में कई बार धक्का – मुक्की शुरू हो जाती है।इसमें कई चालकों के हाथ जख्मी हो गए है।दो दिन से रात में हो रहा जमकर मारपीट व हँगामा

चालान आगे कटवाने एवं अवैध पैसा वसूली को लेकर पिछले दो दिन से यहाँ जमकर मारपीट हंगामा भी हो रहा है।दो दिन पूर्व बिंदौल घाट पर हुये मारपीट का मामला बिहटा थाना में दर्ज भी कराया गया है।जिसमें चालान मैनेजर संजय कुमार ने मारपीट के साथ पैसा छिनने का भी आरोप लगाया है।जबकि कुछ मामले में मामला दर्ज नहीं हो सका है।खनन विभाग का घिसा पीटा जवाब कार्रवाई होगी

जीपीएस खोलने एवम बंद करने के नाम पर जो खेल चल रहा है।जब इस मामले में जिले के खनिज पदाधिकारी प्रणव कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि हमें भी शिकायत मिली है।जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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