पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना में 12.07.2017 एक प्रेस वक्तव्य जारी किया है कि सीबीआई की एफआईआर के अभियुक्त तेजस्वी यादव पर बेनामी सम्पति हासिल करने का आरोप तब का है जब वह ‘निमुछिया’ नहीं बल्कि दाढ़ी-मूंछ वाले बालिग हो चुके थे। नाबालिग होने का गाल बजा कर तेजस्वी अपने अपराधों पर पर्दा नहीं डाल सकते हैं। तेजस्वी के मीडिया के साथ गाली-गलौज करने, मीडियाकर्मियों पर हमला करवाने और मीडियाकर्मी को एंटी नेशनल कहने से उनके भ्रष्टाचार की सच्चाई छुप नहीं सकती है।
क्या तेजस्वी यादव यह ऐलान करेंगे कि जिस डिलाइट कम्पनी द्वारा दी गई 3 एकड़ जमीन पर उनका 750 करोड़ का माॅल बन रहा है वह उसके मालिक नहीं है? क्या वह ऐलान करेंगे कि दिल्ली के डी-1008, न्यू फ्रेंड्स काॅलोनी स्थित 115 करोड़ का चार मंजिला मकान उनका नहीं है? क्या वह ऐलान करेंगे कि पटना की जिस जमीन पर पेट्रोल पम्प बना है वह उनकी नहीं है? क्या तेजस्वी यह ऐलान भी करेंगे कि सरला गुप्ता व प्रेमचन्द गुप्ता ने अपनी वर्षों पुरानी कम्पनी सहित करोड़ों की जमीन उन्हें नहीं दी है?
जब मुख्यमंत्री ने श्री जीतन राम मांझी सहित आधे दर्जन मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कोई मोहलत नहीं दी तो फिर तेजस्वी को क्यों? क्या कभी भी कोई अपराधी अपना अपराध स्वीकार करता है? जब राजद, लालू परिवार और तेजस्वी ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है तब क्या सीएम को अब उन्हें बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं दिखाना चाहिए?