धनबाद- झारखंड के धनबाद जिले के मनईटांड से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया हैं। जन्म से गूंगा 10 वर्षीय मोहित कुतियों का दूध पीकर बड़ा हुआ है। हालांकि मोहित के माता-पिता अभी जीवित हैं। मोहित की मां पिंकी कुमारी ने बताया कि मेरे बेटा जब चार साल का था, तब से वह आवारा कुत्तों के साथ खेलने लगा, कुत्तों के बच्चों को दूध पीते देख उसकी भी लालसा बढ़ी, तो वह भी उनका दूध पीने लगा। उसकी यह आदत आज तक बरकरार है।
मोहित के पिता सूबेदार सिंह सड़क के किनारे जूस बेचते हैं और उसकी मां पिंकी घरों में साफ-सफाई का काम करती है। पिंकी ने बताया कि जब भी वह अकेला होता तो घर से बाहर निकल जाता था कुतियों के पीछे उसके दूध पिने की चाह में, कुतिया भी बिना उसे कोई नुकसान पहुचाएं बड़े आराम से उसे अपना दूध पीने देती है। मोहित को जब भी मौका मिलता है उनके साथ खेलता है, जब भी उसे दूध पीने की चाह होती है वह बड़े आराम से कुतिया को लिटाकर उसका दूध पीने लगता है।
मोहित की मां उसकी इस आदत को लेकर काफी परेशान है, इसलिए वह उसे घर से बाहर नहीं जाने देती है। जब कभी पड़ोसी उसकी शिकायत करते हैं कि वह आवारा कुतों के साथ खेलता है और दूध पीता है, तो पिंकी अपनी बेबसी को बयां करते हुए कहती मैं थक सी गयी हूं। पिंकी कहती है कि उसकी इस आदत को छुड़ाने के लिए हमने कई कोशिशें की, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हुए। इसी डर के कारण 10 साल के मोहित को अब तक स्कूल नहीं भेजा गया है।
मोहित का परिवार आर्थिक तंगी के कारण किसी डॉक्टर के पास उसका इलाज नहीं करा पा रही है, लेकिन हालात और बुरे हो गए जब दो हफ्ते पहले अपनी आदत से लाचार मोहित दूसरे मोहल्ले में जाकर एक कुतिया का दूध पीने लगा और उस कुतिया ने उसे काट लिया। उसके माता-पिता उसे इलाज के लिए पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (पीएमसीएच) लेकर गए जहां पर उसे एंटी रैबीज वैक्सीन दिया गया, लेकिन मोहित को इस आदत से छुटकारा दिलाने के लिए कोई दवा नहीं दी गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर डी. के. सिंह का कहना है कि कुतिया का दूध मानव के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन रैबीज संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। उन्होंने कहा कि यह आदत से ज्यादा स्वाद का प्रभाव है। बच्चे ने जब पहली बार कुतिया का दूध पिया होगा तो उसका स्वाद उसे पसंद आया होगा, जिसके परिणामस्वरूप उसे कुतिया का दूध पीने की आदत हो गई है।