पटना 31 अक्टूबर 2017 :
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर बिहार प्रदेश जदयू किसान प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 142वीं जयंती कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने लौहपुरूष सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर
श्रद्धांजलि अर्पित की। आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान प्रकोष्ठ ने आज के उपयुक्त दिन का चयन किया है इस आयोजन के लिए मैं बधाई देता हूॅ। पटेल जी के बारे में सभी लोग जानते हैं। उन्हींकी देन है कि देश के टूकड़ों को एकबद्ध कर भारत को यह रुप दिया। बापू ने आजादी दिलाकर इसे ऐतिहासिक रुप दिया तो पटेल ने इसे भौगोलिक रुप दिया। अगर देश के प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल होते तो देश की दिशा और स्वरुप कुछ और होता। बापू ने नेहरु जी को अपना उत्तराधिकारी बनाया, उनहोंने अपने तरीके से योगदान दिया। बापू के विचारो को नजरअंदाज किया गया। उनके विकास का स्वरुप विकेंद्रीकरण का था। चंद लोगो का विकास सम्पूर्ण विकास नहीं है। न्याय के साथ विकास, समाज के हर तबके का विकास बापू का सपना था।
हमलोगो ने न्याय के साथ विकास के सिद्धांत को अपनाया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगो ने न्याय के साथ विकास के सिद्धांत को अपनाया है। चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण, कृषि, बुनियादी ढांचे का विकास हो, हमारा बुनियादी सिद्धांत है कि लाभ सबको मिले। साइकिल योजना मे पहले लड़कियो को फिर लड़को को लाभ मिला। पोशाक योजना मे भी सभी स्कूल जाने वाली लड़कियों को इसका लाभ मिला। उन्होनं कहा कि हमारे बिहार के छात्रो मे काफी प्रतिभा है, वे काफी मेहनती हैं। चाहे नौकरी के लिए परीक्षा हो या उच्च संस्थानो मे प्रवेश के लिए हो, सभी जगह हमारे युवा सफल होते हैं।
देश के लगभग सभी राज्यों की तरक्की मे बिहारियो का बहुत योगदान है
पंजाब या दिल्ली की तरक्की मे बिहारियो का बहुत योगदान है। बिहारी भारत के हर हिस्से चाहे कश्मीर हो, चाहे पूर्वोत्तर क्षेत्र हो, चाहे तमिलनाडू हो, हर जगह अपना योगदान दे रहे हैं। बिहार के बंटवारे के बाद यहाॅ के लोगो ने अपनी उपजाऊ भूमि से परिश्रम करके बिहार
का उन्नत बनाया। यहाॅ का गौरवशाली इतिहास है। उन्होने कहा कि बापू के विचारो के अनुरुप चलते हुए बिहार के विकास के लिए हमारा प्रयास जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी किसान प्रतिनिधियो ने अपनी बात रखी।
जब मुख्यमंत्री बने थे तो पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह के आवास पर एक बैठक मे कृषि विशेषज्ञ ने कुटिल मुस्कान के साथ मेरी तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि बिहार में उत्पादकता बहुत कम है। मैंने भी मुस्कुराते हुए उन्हे जवाब दिया कि बहुत जल्दी स्थिति मे सुधार हो जाएगा। ये बात सही थी कि हमारी ऊपज भी कम थी और उत्पादकता भी कम थी। अच्छे बीज की उपलब्धता नहीं थी, बीज निगम बंद होने के कगार पर था, इसको गंभीरता से लेते हुए मैंने कृषि रोडमैप बनाने का निर्णय लिया। कृषि पंचायत लगायी गई, अधिकारियों, विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया। जब मैं केंद्र में कृषि मंत्री था तो देश मे पहली कृषि नीति आयी थी। इस अनुभव का लाभ भी काम आया और यह सफल रहा। दूसरा कृषि रोडमैप 2012-17 बना और इसका उद्घाट्न तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी से कराया गया। फसल पर अच्छा काम हुआ। धान, गेहूॅ, मक्का की उत्पादकता में वृद्धि हुई। नालंदा के एक किसान ने धान के उत्पादन में चीन के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया। उसी समय हमलोगो ने 2017 से 2022 के लिए कृषि रोडमैप के सांकेतिक स्वरुप पर विचार किया।
तीसरा कृषि रोडमैप मे भविष्य के वृहद लक्ष्य निर्धारित है, इसका लाभ सबको मिलेगा
तीसरा कृषि रोडमैप मे भविष्य के वृहद लक्ष्य निर्धारित है, इसका लाभ सबको मिलेगा। यह सिर्फ फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है बल्कि
मत्स्य पालन, पशुपालन, सहकारिता, राजस्व विभाग सब क्षेत्र में तरक्की की बात है। कृषि रोडमैप का मुख्य उद्देष्य है किसानो की आमदनी को बढ़ाना। लघु किसान और सीमांत किसान की संख्या हमारे यहां राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। इस रोडमैप से जमीन के मालिक, किसान को ही फायदा नहीं मिलेगा बल्कि जो जमीन पर काम करते हैं, उनको भी फायदा मिलेगा। भूमि संबंधी विवाद का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव हमारे कृषि क्षेत्र पर पड़ता है। सौ साल का पुराना सर्वे है, नए सर्वे का काम पूर्ण हो चुका है। नया सर्वे सेटलमेंट को लागू कर जमीन विवाद से छुटकारा मिल सकेगा। आपदा प्रबंधन की दिशा मे हमलोगो ने बेहतर काम किया है। बाढ़ प्रभावित परिवारो को शुरु मे प्रावधान था 25 किलो अनाज देने का, उसे हमलोगो ने आने के साथ एक क्विंटल अनाज देना शुरु किया। इस वर्ष भयानक बाढ़ आपदा मे हमलोगो ने प्रभावित परिवारो को 6-6 हजार रुपये बैंक के माध्यम से पीड़ितो को उनके खाते मे ट्रांसफर किया और फसल इनपुट सबसिडी के लिए 900 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी गई है। चाहे घर बर्बाद हुआ हो, सिंचाई तंत्र नहर या बांध बर्बाद हुआ है, उसके लिए भी 300 करोड़ स्वीकृत रूपये किए गए हैं। आपदा राहत कोष छोटी इकाई है। 1000 करोड़ रुपये हमलोगो ने लगा दिया है, एडवांस खर्च कर दिया है, जिसे अनुपरूक बजट मे पास करा लिया जाएगा। हमारा मानना है कि खजाने पर पहला अधिकार आपदा प्रभावित लोगो का है। हमारे यहां बाढ़, सुखाड़ एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
बिहार मे 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार मे 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। अतः इस तीसरे कृषि रोडमैप से सभी को फायदा होगा। हमारा दूसरा लक्ष्य है हरेक हिंदुस्तानी की थाली में बिहार का कोई न कोई एक व्यंजन जरुर हो। हमलोगो ने डुमरांव, किशनगंज, पूि र्णया, सहरसा मे एग्रीकल्चर कॉलेज खोला। नालंदा मे हॉर्टिकल्चर कॉलेज खोला गया, पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। सबौर मे केद्रंय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क के क्षेत्र में काफी काम किया गया। ढाई सौ की आबादी वाले गांवो को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मुख्य मार्ग से जोड़ने का लक्ष्य है। सात निश्चय के अंतर्गत टोला निश्चय योजना, हर टोला को भी सड़को से जोड़ दिया जाएगा। हर गांवो मे पक्की गली एवं नाली का निर्माण किया जाएगा। इस कृषि रोड मैप मे सारी चीजो को शामिल किया गया है। जमीन संबंधी, सिचाई संबंधी, गांवो को जोड़ने, कोल्ड स्टोरेज, अनाज भंडारण की व्यवस्था, सबका समाधान इसमे है।
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना लक्ष्य है
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना लक्ष्य है। गाय का मूत्र और गोबर बहुत उपयोगी है। नालंदा के सोहसराय में सफल ऑर्गेनिक खेती से अच्छे किस्म की फूलगोभी का उत्पादन इसका एक उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्जी के लिए सहयोग समितियां बनायी जाएंगी। कैबिनेट
से पास कर दिया गया है, तीन जिलों को मिलाकर यूनियन उसके ऊपर फेडेरेशन होगा। बाजार मे खपत के बाद बची चीजो को संग्रहित कर आगे उसको यूनियन बाहर के बाजारो मे भेजने की व्यवस्था करेगी। फेडरेशन नीति बनायेगी। सहयोग समितियों के लिए राज्य सरकार
खर्च करेगी। सब्जी उत्पादन मे हमारा स्थान तीसरा है, जो जल्द ही दूसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे।
हर पहलू को ध्यान में रखा गया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पहलू को ध्यान में रखा गया है। जैविक काॅरिडोर का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण बीज का उत्पादन, उसका भंडारण, प्रसंस्करण, फिर उसका विपणन, यह सब हमारे कृषि रोडमैप का लक्ष्य है। स्थानीय कृषि यंत्र निर्माताओ को प्रोत्साहित किया जाएगा। धान की अधिप्राप्ति मे उत्पन्न समस्या के समाधान के बारे मे मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की नमीकरण के चलते समस्या है, जिसके समाधान के बारे मे केन्द्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान जी से सकारात्मक बात हुई है। केन्द्रीय मंत्री ने 17 प्रतिशत नमी की सीमा को हटाने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की हर समस्या पर नजर रहती है। समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत रहते हैं। जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, नगर विकास विभाग के सहयोग से ट्रीटेड पानी को खेती मे लगाया जाएगा। बिहार मे अलग-अलग क्षेत्र की अलग-अलग समस्या है। पहली बार निर्णय किया गया है कि सिंचाई विभाग का अंदरुनी तौर पर बंटवारा किया गया है, जिसके अंतर्गत एक भाग बाढ़ नियंत्रण को देखेगा तो दूसरा सिंचाई योजना का पूरा करेगा। नौबतपुर मे प्रयोग के तौर पर किसानो के लिए सेपरेट बिजली फीडर का काम हो गया है, जो राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी से कृषि रोडमैप के साथ इसका भी उदघाट्न कराया जाएगा।
हम समस्या का समाधान तत्परता से करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी किसान प्रतिनिधि हमको फीडबैक दीजिए और हम समस्या का समाधान तत्परता से करेंगे। आपलोग समाज सुधार मे भी सहयोग कीजिए। शराबबंदी , नशांबदी, दहेज प्रथा निषेध, बाल विवाह बंदी को सफल बनाने मे अपना सहयोग देकर बिहार को बुलंदी पर पहुंचाइये। कृषि रोडमैप मे कार्यक्रम और जो योजनाए बनायी गई हैं, उसके क्रियान्वयन का फीडबैक आपलोगो से मिलता रहेगा तो उसकी समस्या के समाधान मे सहायता होगी।
इस अवसर पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, लोकसभा सांसद श्री संतोष कुशवाहा, राज्यसभा सांसद श्री रामनाथ ठाकुर, विधायक श्रीमती रंजू गीता, विधान पार्षद श्री रामवचन राय, विधान पार्षद श्री उपेंद्र प्रसाद, राज्य के विभिन्न जिलों से किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष समेत किसान पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री मनोज कुशवाहा ने किया।
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