करियर प्वाइंट बना पूर्वी बिहार के छात्रों की पहली पसंद

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आईआईटी और मेडिकल परीक्षा की तैयारी कराने में देश के प्रतिष्ठित और अव्वल संस्थानों में से एक करियर प्वाइंट कोटा बहुत ही कम समय में पूर्वी बिहार के एजुकेशन हब यानि स्मार्ट सिटी भागलपुर में पॉपुलर हो गया है। साइंटिफिक और मॉडर्न अप्रोच के साथ आईआईटी और मेडिकल परीक्षा की तैयारी कराने की दिशा में अग्रसर करियर प्वाइंट का भागलपुर ब्रांच पूर्वी बिहार और बिहार से सटे झारखंड के जिलों के छात्रों की पहली पसंद बनता जा रहा है। इसकी वजह साफ है कि 2016 में करियर प्वाइंट कोटा में पढ़ने वाले 956 छात्रों ने जेईई एडवांस, 3982 छात्रों ने मेडिकल में एडमिशन के लिए आयोजित परीक्षा नीट और 5772 छात्रों ने जेईई मेन में सफलता प्राप्त कर इस संस्थान का नाम रौशन किया है।

शनिवार को भागलपुर के अलीगंज स्थित करियर प्वाइंट के भागलपुर ब्रांच के डायरेक्टर डॉ. मधुरेंद्र कुमार और सेंटर हेड रविकांत घोष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उर्दू भाषा को नीट 2018 में शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की। डॉ. मधुरेंद्र कुमार ने कहा कि उर्दू भाषा को नीट में शामिल करने से मुस्लिम समुदाय के बच्चों को काफी सहुलियत होगी। इतना ही नहीं संस्थान अगले महीने छात्रों में एक नयी उमंग भरने और मनोबल को बढ़ाने के लिए “कोई दिवाना कहता है, कोई पागल समझता है” फेम यानि कुमार विश्वास के प्रोग्राम को भी कराने का निर्णय मैनेजमेंट ने लिया है। प्रोग्राम की तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. मधुरेंद्र कुमार ने सबसे बड़ी बात छात्रों और उनके अभिभावकों की मनोदशा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ज्यादातर छात्र इंजिनियर और डॉक्टर बनना चाहते हैं और उनके अभिभावक भी अपने बच्चों को इंजिनियर और डॉक्टर बनाना चाहते हैं, लेकिन दोनों ही बारहवीं की परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार करते हैं। नतीजा ये होता है कि ऐसे छात्रों का सेशन मिस हो जाता है और सिलेबस समय पर पूरा नहीं हो पाता है। जिसका असर छात्रों के रिजल्ट पर पड़ता है और इंट्रेंस एग्जाम में सफल नहीं हो पाता है। डॉ. मधुरेंद्र ने कहा कि सीबीएसई के बच्चों को चाहिए कि बिना समय जाया किए 12वीं की बोर्ड परीक्षा के तुरंत बाद ही मेडिकल-इंजिनियरिंग की तैयारी में जुट जाना चाहिए क्योंकि ये समय ही छात्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। डॉ. मधुरेंद्र कुमार से जब पूछा गया कि छात्रों का मार्गदर्शन किस तरह से होना चाहिए और करियर प्वाइंट ही क्यों इन सबसे ज्यादा फिट क्यों बैठता है तो, इनके जबाव में उन्होंने कहा कि सही मार्गदर्शन भी काफी मायनों में छात्रों को सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाती है। रही बात करियर प्वाइंट की, तो हमारा संस्थान मेडिकल और इंजिनियरिंग जैसी उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए तैयारी कराने में पिछले 24 वर्षों से लगातार किर्तीमान स्थापित कर रहा है। इसकी झलक प्रत्येक साल सफल हुए छात्रों का आंकड़ा खुद ही बयां कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां अनुभवी और सर्वश्रेष्ठ कोटा की फैकल्टी टीम है, जो रिजल्ट ओरिएंटेड शैक्षणिक पद्धति के माध्यम से सभी छात्रों को पढ़ाते है। यहां क्लास रेशियो 1:50 है और सर्वश्रेष्ठ एकेडमिक कंट्रोल और पर्सनल केयर होता है।

इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि करियर प्वाइंट के एक्सपर्ट, रिसर्च और डेवलपमेंट टीम द्वारा बनाई गई स्टडी मैटेरियल उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि करियर प्वाइंट के एकेडीमिक डायरेक्टर शैलेद्र माहेश्वरी के द्वारा निर्मित स्टडी मैटेरियल के मॉड्यूल ही तैयारी के लिए काफी है क्योंकि इन मॉड्यूल में दिए गए अभ्यासों में से 72 से 92 प्रतिशत तक प्रश्न आईआईटी और मेडिकल की परीक्षा में पूछे गए हैं। छात्रों के बेहतर समझ के लिए ऑडियो-विडियो स्टडी मैटेरियल भी उपल्ध है। डीपीपी (डेली प्रैक्टिस पेपर), ऑनलाइन स्टडी सपोर्ट, वीकली टेस्ट, ऑल इंडिया टेस्ट, माइनर और मेजर टेस्ट,रिविजन टेस्ट, ऑनलाइन टेस्ट सीरीज, बोर्ड + प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी, टेस्ट स्कोरिंग रिपोर्टिंग वाया एसएमएस, डिजिटल अटेंडेंस, डिजिटल विडियो नॉलेज लैब, ए टू जेड फिडबैक के माध्यम से छात्रों की प्रगति पर नजर रखते हैं। यहां वातानुकुलित क्लासरूम और लाइब्रेरी की सुविधा, कैंपस के अंदर ही छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल की सुविधा, कैंपस के अंदर ही छात्रों के लिए कैंटीन की सुविधा और अन्य सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो कोटा या अन्य महानगरों में प्राप्त होती है।

सेंटर हेड रविकांत घोष ने जानकारी देते हुए कहा कि 9वीं और 10वीं क्लास के छात्रों के लिए जो एनटीएसई, केवीपीवाई, साइंस ओलंपियाड, आईजेएसओ जैसे परीक्षा की तैयारी के लिए 8 मई से नए बैच की शुरूआत होगी। जबकि 11वीं, 12वीं क्लास में पढ़ रहे छात्रों के लिए तथा 12वीं पास छात्रों के लिए आईआईटी और मेडिकल की परीक्षा की तैयारी के लिए अगले बैच की शुरूआत 24 अप्रैल से होगी। छात्रों को एडमिशन के लिए CPSAT (Career Point Scholarship Cum Admissions Test) देना होगा। स्कॉलरशिप टेस्ट में आए मार्क्स के आधार पर छात्रों को 90 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप दी जाएगी। परीक्षा शुल्क 500 रूपए प्रति छात्र है। छात्र ओपन टेस्ट किसी भी दिन सुबह 10 बजे से 4 बजे तक दे सकता है। डेढ़ घंटे की टेस्ट परीक्षा में कुल 50 प्रश्न पूछे जाएंगे और गलत उत्तर के लिए कोई निगेटिव मार्किंग नहीं होगा।

  • रविकांत घोष ने आगे बताया कि समय-समय पर इंजिनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र से जुड़े अनुभवी लोगों को बुलाकर छात्रों के मनोबल को बढ़ाया जाएगा।

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