
जय हो हिन्द की सेना तेरी
आज मैं आपको लिए चलता हूँ शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने नवनिर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, इंडिया गेट, दिल्ली ।
25 फरवरी को शहीद जवानों के सम्मान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) का उद्धाटन हुआ है ।
ये स्मारक आज़ादी के बाद देश के लिए कुर्बानी देने वाले वीर सैनिकों के सम्मान में तैयार किया गया है ।
अभी तक दिल्ली में सिर्फ एक ही युद्ध स्मारक (इंडिया गेट) था।
इसे प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान लड़ाई के दौरान शहीद हुए 84 हज़ार सैनिकों की याद में अंग्रेज़ों ने बनवाया था । 
इसके बाद 1971 की लड़ाई में शहीद हुए करीब 4 हज़ार सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति बनाई गई ।
लेकिन ये गर्व की बात है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राष्ट्र के लिए अपनी जान देने वाले जवानों के सम्मान में यह स्मारक अब बनाया गया है । इसके लिए मैं प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दिल खोलकर आभार प्रकट करता हूँ। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के लिए 25 हजार से अधिक सैनिक अपना बलिदान दे चुके हैं।
अब आपको बताते हैं ये युद्ध स्मारक तैयार कैसे हुआ ।
2014 में इसे बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई और 25 फरवरी 2019 तक इसे तैयार कर लिया गया ।
इस मेमोरियल में प्रवेश करते ही आपको चार चक्र दिखाई पड़ते हैं
अमर चक्र,
वीर चक्र,
त्याग चक्र
और रक्षा चक्र ।
इनमें से अमर चक्र पर 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है ।
इसमें अमर ज्योति जल रही है ।
इसमें शहीद हुए 26 हजार से ज्यादा सैनिकों के नाम वर्णित हैं ।
1947-48, 1961 में गोवा मुक्ति आंदोलन
1962 में चीन से युद्ध
1965 में पाकिस्तान से युद्ध
1971 में बंगला देश का निर्माण
1987 में सियाचिन
1987-88 में श्रीलंका
1999 में कारगिल में
शहीद होने वाले सैनिकों के सम्मान में इसे बनाया गया है ।
इन सबों के स्मारक भित्ति चित्रों पर नजर आता है ।
सुरक्षा चक्र में 600 पेड़ हैं जो देश की रक्षा में तैनात जवानों के प्रतीक हैं ।
इसमें शाम के समय रंग-बिरंगी रोशनियों द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि देते देखना आंखों को बहुत अच्छा लगता है ।
अभी इसमें प्रवेश के लिए इंडिया गेट की तरफ से आना पड़ता है और निकास पटियाला हाउस की तरफ से है ।
निकास की तरफ पीने का पानी और शौचालय की बहुत ही उत्तम ब्यवस्था है जो पूरी तरफ से निःशुल्क है ।
उस तरफ पार्किंग की भी ब्यवस्था है ।
इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जाने की कोई फीस नही है ।
लेकिन मुख्य क्षेत्र और परम योद्धा स्थल के लिए समय निश्चित किया गया है ।
इसलिए हम इसे नहीं देख पाए ।
नेशनल वॉर मेमोरियल के पास ही 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं की कांसे से बनी प्रतिमाएं देखना शरीर में जोश और ताकत भर रहा था ।
यहाँ पहुँचने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन मेट्रो रेल भवन / उद्योग भवन / प्रगति मैदान है ।
यह बस स्टैंड भी है ।
जय भारत
जय वीर जवान !

