दिल्ली के स्मारकों में घूमने के क्रम में हम पहुँचे टीकरी कला गाँव जो टीकरी बॉर्डर ( बहादुर गढ़, हरियाणा ) से दो किलोमीटर पहले सड़क के किनारे ही मौजूद है। दूर से ही आजाद हिन्द ग्राम ( बोर्ड गलत है अजाद हिन्द लिखा हुआ जिसपर आज तक किसी का ध्यान गया ही नहीं है । ) का बोर्ड नजर आ जाता है ।
भीतर घुसते ही दाहिने तरह कार्यालय है, और गार्ड आपको रजिस्टर में आपका विवरण भरवाने को तत्तपर नजर आते।
सुभाषचंद्र बोस के इस स्मारक को उनकी याद में बनबाया गया है। यह वह स्थान है जहां नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने देश छोड़ने से पहले सैनिकों को संबोधित किया था। इस स्मारक की बनावट उत्तर भारतीय स्थापत्य शैली में बनी है। इस स्मारक को कोलकाता के कुछ कलाकारों के द्वारा डिजाईन किया गया था जिसमें उन्होने नेताजी के विभिन्न मूड को अलग – अलग भित्ति चित्रों में दर्शाया है। संग्रहालय भी कैनवास पर चित्रित स्वतंत्रता संग्राम को दर्शाने वाले उकेरे गए चित्र इसकी खूबसूरती दिखाते हैं।
स्मारक में प्रवेश करते ही दाहिने और बाएँ दो गोल गुम्बद तुरन्त आपका ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं जो कि संग्रहालय है, जहाँ बाहर बोर्ड है दिल्ली चलो। बाहर ही नेताजी की आदमकद प्रतिमा काफी ऊंचाई पर लगी हुई है।
संग्रहालय ( दिल्ली चलो ) में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान के कई अखबारों की ढ़ेर सारी कटिंग और अन्य दृश्य संदर्भ वाली चीजें रखी हुई है। साथ ही यहां भारतीय राष्ट्रीय आर्मी की रैंक को भी अच्छी तरह प्रदर्शित किया गया है।
यहाँ पर विशाला प्लाजा
एक एम्पीथियेटर पर्यटक सूचना केन्द्र
सुविनियर
गार्डन शॉप
फूड-कियोस्क और
एक रेस्तरां भी नजर आ रहे थे पर सब बन्द के बन्द।
गार्ड ने बताया कि जब यहाँ पिकनिक होता है तब सवारी के लिए ऊँट उपलब्ध होते जो आपको टीकरी गाँव की सैर कराने ले जाते हैं।
अगर आप भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं में दिलचस्पी रखते हैं तो एक बार यहाँ अवश्य जाएँ। यह सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। राष्ट्रीय अवकाश के दिनों ये बन्द रहता है।
यहाँ पहुँचना बहुत आसान है
मेट्रो स्टेशन टीकरी कला के ठीक पास है यह। बस स्टैंड आजाद हिंद ग्राम है जो स्मारक से ठीक सामने और बगल में है । 926 , 949 , 938 नम्बर की बस यहाँ से गुजरती है। दिल्ली बहादुरगढ़ बस भी यहाँ होते हुए जाती है।
अपनी सवारी से जाने वालों के लिए गेट के बाहर पार्किंग की भरपूर जगह है।