कमल की कलम से – आज आपको हम लिए चलते हैं दिल्ली के मालवीयनगर में स्थित लाल गुम्बद को

हेमेंदु कमल

मैं ढूंढ रहा था यहाँ पर जहाँपनाह और विजय मंडल को। इस किले तक पहुँचने का रास्ता कोई बता ही नहीं पा रहा था, और गूगल बता रहा था कि आस पास ही है। जब एक ठेले बाले को विजय मंडल की तस्वीर दिखाई तो उसने कहा ओह्ह तो आप लाल गुम्बद जाना चाहते हैं । मैंने भी हाँ बोल दिया और उसने रास्ता बता दिया कि वहाँ से 10 मिनट का पैदल रास्ता है और मैं विजय मंडल की जगह पहुँच गया लाल गुम्बद।

पूरी तरह से उपेक्षित यह परिसर जहाँ कुछ बच्चे इसे क्रिकेट मैदान बनाये हुए थे, तो कुछ नवजवान जोड़े आस पास के खंडहरों में बैठे प्यारे वार्तालाप में मशगूल थे। हाँ सरकार ने इसे संरक्षित होने का बोर्ड जरूर लगा रखा है। मुगल पूर्व शहर के सबसे बेहतरीन स्मारकों में से एक और सबसे कम ज्ञात स्मारकों में से एक है यह लाल गुंबद जिसे शेख कबीर-उद-दीन औलिया का मकबरा या रकाबवाला गुंबद भी कहा जाता है।

मैं भी इसे जानता नहीं था पर अनजाने में संयोग से ही यहाँ पहुँच गया। जाना था रंगून पहुँच गए चीन टाइप से। शेख रौशन चिराग-ए-दिल्ली के एक शिष्य शेख-कबीर-उद-दीन औलिया को 1397 में यहां दफनाया गया था।  माना जाता है कि इसका निर्माण चौदहवीं शताब्दी के मध्य में हुआ था।

इस लाल गुंबद में संगमरमर की पट्टी से सजी हुई मेहराब से पूर्वी तरफ से प्रवेश किया जाता है।  मुख्य मक़बरे को एक चौकोर के आकार में बनाया गया है और इसमें दीवारों को तराशा गया है । यह लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है।
इसके शीर्ष पर एक विशाल शंकुधारी गुंबद है। लाल गुंबद को रकाबवाला का नाम मिला क्योंकि इस गुम्बद को सोने से ढका गया था जिसे बाद में चोरों ने चुरा लिया था।  लोगों का मानना ​​है कि मकबरे की दीवारों को तराशने के उद्देश्य से, इसकी पश्चिमी दीवार पर अभी भी दिखाई देने वाली लोहे की लगी हुई सरियाँ चोरों द्वारा ठोकी गई थीं।
यह दिल्ली के पूर्व-मुगल युग से संबंधित सबसे शानदार स्मारकों में से एक लाल गुम्बद घियाथ-उद-दीन तुगलक के मकबरे से मिलता जुलता है। इतनी प्राचीन होने के बावजूद ये बहुत अच्छी अवस्था में है।

यहाँ तक आने के लिए नजदीकी मेट्रो सर्वप्रिय विहार ( हौज खास ) है। जहाँ से आप पैदल ही चलकर 10 मिनट में या ऑटो द्वारा यहाँ तक पहुँच सकते हैं । बस स्टैंड भी सर्वप्रिय विहार ही है । 764 , 511 , 620 , 604 बस यहाँ से गुजरती है। एक और बस स्टैंड है भविष्य निधि एन्क्लेभ जहाँ पर 448 , 500 , 512 , 548 नम्बर के बस से पहुँच सकते हैं । यहाँ से 5 मिनट का पैदल रास्ता है ।
अपनी सवारी से आने पर आप इस स्मारक के बाहर अपनी गाड़ी पार्क कर सकते हैं ।

अगले दिन जहाँपनाह और विजय मंडल की सैर की कहानी ।

विज्ञापन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *