चौबिस वर्षिय युवराज प्रताप सिंह देखने में किसी मॉडल से कम नही लगते हैं। इन की सबसे बड़ी पहचान राजधानी पटना में आने वाले बड़े से बड़े सेलिब्रिटी के कार्यक्रम को तय करते हैं। आयोजकों के मध्य में इनकी लोकप्रियता विशेष है। बहुत कम ऐसा देखने को मिलता है कि आयोजक और सेलेब्रिटी दोनों खुश हों। लेकिन युवराज की मुख्य पहचान इसी सामंजस्य को को स्थापित करने के लिये है।युवराज बताते हैं कि बहुत पहले राजधानी पटना में गीतकार गुलजार साहब आए थे। बचपन से गुलजार साहब के फैन रहे युवराज ने हर संभव कोशिश की, लेकिन आयोजकों ने उन्हे मिलने नहीं दिया। इस घटना ने उनके जीवन पर इतना प्रभाव डाला कि इवेंट मेनेज्मेंट मे डिग्री लेने के बाद इन्होंने सेलेब्रिटी मैनेजर के तौर पर राजधानी पटना ही नहीं पूरे बिहार में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
आज की तारीख में बड़े से बड़े फिल्म स्टार हो या स्थानीय कलाकार, युवराज सभी का बेहतरीन संयोजन करते हैं। मिलनसार स्वभाव और सहजता इन्हें भीड़ से अलग करती है कि ऐसे काम हैं जिन्हें आप शौकिया तौर पर करने के साथ ही साथ आर्थिक उपार्जन का साधन भी बना सकते हैं।
अपने बड़े भाई जैसे मित्र सतीश कुमार दास को यह अपनी सफलता का श्रेय देते हैं। उनके मार्गदर्शन पर विश्वास करते हैं और अपने माता पिता को आदर्श मानने वाले युवराज राष्ट्रीय फलक पर अपनी एक अलग पहचान बनाने की तमन्ना रखते हैं।
कभी तरसते थे बड़े सितारों से मिलने को, आजकल जमीन पर पर उतारते हैं सितारे
